NEWS - भारत में एक पूरा का पूरा जिला नदी में डूब रहा है, बांस का पुल भी टूट गया

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इस बार के मानसून में आफत की बारिश के कारण भारत के कई जिलों में बाढ़ आई। उत्तराखंड में तो इतना बड़ा हादसा हो गया और एक गांव लगभग खत्म हो गया। इसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है परंतु असम राज्य का एक पूरा जिला नदी में डूब रहा है। 75 स्क्वायर किलोमीटर की जमीन नदी में समा गई। अब कभी वापस नहीं आएगी। आने जाने के लिए एकमात्र बांस का पुल था। बाढ़ में वह भी टूट गया। 72000 लोग राहत शिविर में है क्योंकि उनका पूरा घर नदी में बह गया। 

1250 स्क्वायर किलोमीटर में से सिर्फ 352 स्क्वायर किलोमीटर जमीन बची

यहां हम असम राज्य के 35वें जिले माजुली (माजोली) की बात कर रहे हैं। यह एक एशिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है। अर्थात ब्रह्मपुत्र नदी के अंदर बसा हुआ जिला है। सरकारी रिकॉर्ड में इस जिले का क्षेत्रफल 1250 स्क्वायर किलोमीटर है लेकिन असल में केवल 352 स्क्वायर किलोमीटर जमीन रह गई है। बाकी पूरी जमीन नदी में डूब गई। यह जिला धीरे-धीरे नदी में डूबता जा रहा है। 2021 में अनुमान लगाया गया था कि यदि ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर इसी प्रकार बढ़ता गया तो 2030 में यह जिला पूरी तरह से नदी में समा जाएगा। अभी 2030 तो नहीं आया है लेकिन 2024-25 में नदी में बाढ़ के कारण इस जिले को भारी नुकसान हुआ है। 

गांव वाले टोल टैक्स नहीं देंगे इसलिए नितिन गडकरी पुल नहीं बना रहे

नवंबर 2024 में 75 स्क्वायर किलोमीटर जमीन नदी में डूब गई। भाकत चापोरी क्षेत्र में एक स्कूल जाने वाली बांबू पुल अप्रैल 2025 में आई बाढ़ में बह गया। अब बच्चों के पास स्कूल जाने के लिए कोई सुरक्षित साधन नहीं है। वह हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर कमजोरी सी नाव के सहारे स्कूल जाते हैं। असम राज्य सरकार ने यहां पर एक पुल बनाने के लिए शिलान्यास तो किया था लेकिन उसके बाद कोई काम नहीं किया। अप्रैल में जब यह मामला नेशनल मीडिया की हेडलाइंस बना तो श्री नितिन गडकरी के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जॉरहाट-माजुली पुल के निर्माण का टेंडर जारी कर दिया परंतु इसके बाद क्या हुआ, मंत्रालय की तरफ से कोई अपडेट नहीं मिल रहा है। 

माजुली पर्यटन के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है

गर्मी:
माजुली में गर्मी के मौसम मार्च से जुलाई अंत तक होता है। इस समय यहाँ काफी गर्मी होती है। यदि आपको गर्मी के मौसम में प्रकृति के सीधे संपर्क में रहना पसंद है तो आपके लिए यह समय सबसे अच्छा है।

सर्दी: सर्दियों के मौसम नवंबर से शुरू होता है और फरवरी तक रहता है। बारिश कम या नहीं के बराबर होती है। प्रमुख उत्सव तथा त्यौहारों को सर्दियों के मौसम में आयोजित किया जाता हैं जब मौसम शांत और सुखद होता है। यदि आप किस नदी द्वीप के उत्सव त्यौहार और संस्कृति से परिचित होना चाहते हैं तो यह समय पर्यटन के लिए सबसे उचित है। 

मानसून: माजुली में मानसून का मौसम जुलाई के आसपास शुरू होता है और अगस्त तक रहता है, और इस समय बाढ़ का तांडव अपने चरम सीमा पर होता है। इस समय इस द्वीप पर रहना अपनी जान को जोखिम में डालने के बराबर है, क्योंकि बाढ़ के समय द्वीप पर पानी भर जाता है और लोगों को छतों पर रहकर बाढ़ का पानी उतरने का इंतजार करना पड़ता है।

कुल मिलाकर यहां पर पर्यटन के लिए दीपावली के बाद जाना बिल्कुल उचित है। यदि आप सब पर्यटन के लिए जाएंगे तो श्री नितिन गडकरी को टोल टैक्स मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी और शायद वह भारत के इस जिले को भारत की जमीन से जोड़ने के लिए पुल बना देंगे।
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