MPGST: मध्यप्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2025 पारित, विधानसभा समाचार

0
उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि, मध्य प्रदेश माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 सदन के समक्ष लाया गया है। माननीय अध्यक्ष महोदय, सभी राज्यों द्वारा सर्वसम्मति से जीएसटी काउंसिल में इस प्रस्ताव पर सहमति दी गई थी। जीएसटी काउंसिल की अनुशंसा के आलोक में भारत सरकार द्वारा इस प्रस्ताव में वर्णित प्रावधान के अनुसार संशोधन कर लिया गया है। साथ ही कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भी संशोधन कर लिया गया है। जीएसटी वन नेशन वन टैक्स की अवधारणा पर आधारित है, इसलिए पूरे देश में इस कानून की एकरूपता बनाए रखने के लिए सभी केंद्र शासित प्रदेशों तथा राज्यों द्वारा इस प्रस्ताव को पारित किया जाना अपेक्षित है। इसी अनुक्रम में यह संशोधन प्रस्ताव इस सदन में लाया गया है। 

इस प्रस्ताव के माध्यम से मध्य प्रदेश माल एवं सेवाकर अधिनियम 2017 की:
1. 10 धाराओं - 2,12,13,17,20,34,38,39,107,112 में संशोधन
2. दो नई धाराएँ - 122 (बी), 148(ए) को जोड़ने तथा
3. अनुसूची-3 संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
आम करदाताओं को सुविधायें देने, कर प्रशासन में व्यावहारिक कठिनाई दूर करने एवं प्रशासनिक उद्देश्य को पूरा करते हुए राजस्व में वृद्धि के उद्देश्य से यह संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है :

धारा 2(61) वर्तमान प्रावधान :
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर में परिभाषित है कि रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म के प्रावधान केवल CGST/MPGST के संबंध में लागू होंगे।
संशोधन प्रस्ताव :
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर की परिभाषा में रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म के प्रावधान जो CGST/MPGST पर लागू होते थे, इसके साथ IGST (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को भी जोड़ा जाना प्रस्तावित किया गया है।
लाभ: अभी तक इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा IGST (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के तहत् रिवर्स चार्ज में जमा किये गये कर को वितरित किये जाने का प्रावधान नहीं था। इस संशोधन के बाद यह संभव हो सकेगा। जिससे व्यवसाई को ज्यादा टैक्स क्रेडिट मिलेगी और राज्य को टैक्स लाभ प्राप्त होगा।

धारा- 2 (69) वर्तमान प्रावधान :
धारा 2 के क्लॉज 69 (सी) में लोकल अथॉरिटी की परिभाषा में "नगरपालिका या स्थानीय निधि" शब्द प्रयुक्त थे।
संशोधन प्रस्ताव :
इस संशोधन प्रस्ताव से "नगरपालिका या स्थानीय निधि" शब्दों के स्थान पर, "नगरपालिका निधि या स्थानीय निधि" शब्द रखा जाना तथा इन दोनों शब्द की परिभाषा भी जोड़ा जाना प्रस्तावित किया गया है।
लाभ : पहले यह स्पष्टता नहीं थी कि नगरपालिका निधि या स्थानीय निधि का प्रयोग करने वाली अथॉरिटी कौन है। अब इस प्रावधान को जोड़े जाने से यह भ्रम दूर होगा।

धारा -12(4) एवं धारा 13 (4) वर्तमान प्रावधान :
इन धाराओं में प्रावधान है कि वाउचर' की टाइम ऑफ सप्लाइ क्या होगी।
संशोधन प्रस्ताव :
इन धाराओं को विलोपित किए जाने का प्रस्ताव है।
लाभ : MPGST Act की धारा-12(4) एवं 13 (4) में ऐसे वाउचर जो कम्पनियों/ व्यवसायियों द्वारा अपने ग्राहकों को आकर्षित करने एवं खरीद पर छूट प्रदान करने के उद्देश्य से दिये जाते थे उन पर टैक्स लगाने का प्रावधान है। इन दोनों प्रावधानों को हटाया जाना प्रस्तावित किया गया है जिससे वाउचर की सप्लाई पर जीएसटी नहीं लगेगी तथा व्यापारी पर कर का भार नहीं आयेगा।

धारा-17 वर्तमान प्रावधान :
इस धारा की उपधारा 5(d) में प्लांट या मशीनरी शब्द का प्रयोग किया गया है।
संशोधन प्रस्ताव :
धारा-17 (5) (डी) में प्लांट या मशीनरी शब्द के स्थान पर प्लांट और मशीनरी शब्द जोड़ा गया है। इसके साथ इस प्रावधान को। जुलाई 2017 से लागू किया जाना प्रस्तावित है।
लाभ : अभी तक प्लांट या मशीनरी शब्द को लेकर संशय बना हुआ था। जिसके कारण कोर्ट में केसों की संख्या बढ़ रही थी उस पर रोक लगेगी एवं व्यवसायियों के मध्य फैले इस भ्रम को दूर किया जा सकेगा। इसके साथ ही 1 जुलाई 2017 से प्रावधान लागू किये जाने के कारण राजस्व में वृद्धि भी होगी।

धारा-20 वर्तमान प्रावधान :
धारा 20 (1) तथा 20(2) में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) के संबंध में प्रावधान है कि रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के प्रावधान से CGST/MPGST की आईटीसी का वितरण किया जा सकता है।
संशोधन प्रस्ताव :
धारा 20 (1) तथा 20(2) में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) के संबंध में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के प्रावधान से CGST/MPGST के साथ IGST (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस एक्ट) की आईटीसी का वितरण किया जा सके ऐसा संशोधन प्रस्तावित है।
लाभ : इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा आईजीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज में जमा किये गये कर को वितरित किये जाने का प्रावधान नही था।
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के संबंध में इस संशोधन के बाद IGST की आईटीसी का वितरण किया जा सकेगा जिससे व्यवसायी को लाभ होगा।

धारा-34 वर्तमान प्रावधान :
धारा 34(2) जो कि क्रेडिट नोट से संबन्धित है उसके परंतुक में प्रावधान है कि यदि क्रेता द्वारा अपनी इस सप्लाई से संबन्धित टैक्स और ब्याज का भार किसी अन्य व्यक्ति पर डाला जाता है तो उस परिस्थिति में विक्रेता द्वारा अपनी कर देयता को कम नहीं किया जा सकेगा।
संशोधन प्रस्ताव :
धारा - 34 (2) के परंतुक संशोधित किया जाना प्रस्तावित है, जिसके अनुसार व्यवसायी दो परिस्थितियों में अपनी कर देयता को कम नहीं कर सकेगा यदि-
1. माल के क्रेता (पर्चेजर) द्वारा क्रेडिट नोट के अनुपात में आईटीसी का रिवर्सल न किया गया हो।
2. यदि उस वस्तु की सप्लाई खरीददार (पर्चेजर) द्वारा आगे कर दी गयी हो।
लाभ : इस प्रावधान से यह स्पष्ट हुआ कि व्यवसायी को किन मामलों में क्रेडिट नोट जारी होने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट को कम करना है और किन में नहीं करना है।

धारा-38 वर्तमान प्रावधान :
धारा - 38 (1) एवं 38 (2) में प्रावधान है कि प्रतिमाह / त्रैमासिक आधार पर एक ऑटो जनरेटेड स्टेटमेंट (जिसे सामान्य भाषा में GSTR-2B कहते हैं) जनरेट होता है, जिसके आधार पर व्यवसायी के द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम की जाती है।
संशोधन प्रस्ताव :
(i) धारा - 38 (1) एवं 38 (2) में ऑटो जनरेटेड स्टेटमेंट के स्थान पर ए स्टेटमेंट शब्द जोड़ा जाना प्रस्तावित है।
लाभ : इस प्रावधान को जोड़े जाने से इन्वाइस मैनेजमेंट सिस्टम (IMS) के आधार पर अब व्यवसायी अपनी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को स्वयं ही वेरिफाई कर सकेगा, जिससे आईटीसी संबंधी विवादों पर रोक लगेगी।

धारा-39 वर्तमान प्रावधान :
धारा 39 की उपधारा-1 में यह प्रावधान है कि जीएसटीआर-3B को प्रत्येक रेगुलर रजिस्टर्ड व्यवसायी के द्वारा उस स्वरूप और प्रक्रिया के तहत भरा जाएगा, जैसा नियम में बताया जाएगा।
संशोधन प्रस्ताव :
धारा 39 की उपधारा-1 में स्वरूप और प्रक्रिया के साथ कुछ शर्तों और बाध्यताओं शब्द को भी जोड़ा जाना प्रस्तावित किया गया है।
लाभ : इससे समय पर रिटर्न फ़ाइल किए जाने की बाध्यता रखी गयी है ताकि राज्य को समय पर राजस्व प्राप्त हो सके।

धारा-107 वर्तमान प्रावधान :
धारा 107 की उपधारा 6 के परंतुक (प्रोविजिओ) में यह प्रावधान है कि यदि किसी वाहन को जांच के लिए रोका जाता है तथा धारा 129(3) के अधीन जो पेनल्टी लगाई जाती है उसके विरुद्ध अपील उस पेनल्टी राशि का 25 प्रतिशत जमा करके की जा सकेगी।
संशोधन प्रस्ताव :
नए प्रस्ताव के अनुसार पेनल्टी राशि का मात्र 10 प्रतिशत जमा करके अपील की जा सकेगी
लाभ : इससे व्यापारी तथा ट्रांसपोर्टर दोनों को ही राहत प्राप्त होगी, दोनों के द्वारा कम राशि जमा कर अपील की जा सकेगी।

धारा-112 वर्तमान प्रावधान :
धारा 112(8) में यह प्रावधान है कि ऐसे आदेश जिनमें टैक्स लगाया गया है उन पर ही ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील की जा सकती है। अर्थात ऐसे आदेश जिनमें पेनल्टी लगाई गई है उन पर ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील नहीं की जा सकती।
संशोधन प्रस्ताव :
इस संशोधन प्रस्ताव से 112(8) में परंतुक (प्रोविजीओ) जोड़ा जा रहा है कि पेनल्टी के मामलों में भी ट्रिब्यूनल के समक्ष 10 प्रतिशत राशि जमा करके अपील की जा सकेगी।
लाभ : व्यवसायी को पेनल्टी के मामलों में द्वितीय अपील का अवसर न्यूनतम राशि जमा करके प्राप्त होगा। इससे आम-जन को प्राकृतिक न्याय सुलभ हो सकेगा।

धारा-122 (बी) नई धारा के जोड़ने का प्रस्ताव :
इस संशोधन से एक नई धारा 122-बी जोड़ी जा रही है। इस प्रावधान के अनुसार जो व्यक्ति धारा 148-ए का उल्लंघन करेगा उस पर नई धारा-122 (बी) के तहत न्यूनतम । लाख रुपए की पेनल्टी लगाई जाएगी।
लाभ : इस प्रावधान से ऐसी वस्तुओं के गैर-कानूनी उत्पादन और विक्रय पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।

धारा-148 (ए) नई धारा के जोड़ने का प्रस्ताव :
MPGST Act की धारा-148 के बाद एक नयी धारा-148(a) जोड़ी गयी है। इस धारा के तहत कुछ विशेष वस्तुओं की मैनुफेक्चरिंग तथा इन वस्तुओं के व्यवसाय पर प्रभावी नियंत्रण के लिए यूनिक आईडेंटीफिकेशन मार्किंग जैसे मैकेनिज्म अपनाया जाना प्रस्तावित किया गया है।
लाभ : इस संशोधन से इन वस्तुओं का अनधिकृत उत्पादन, क्रय एवं विक्रय रोका जा सकेगा तथा राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी।

अनुसूची-III संशोधन प्रस्ताव :
अनुसूची -3 में संशोधन करते हुए पैरा 8(aa) जोड़ा जाना प्रस्तावित है । इसके अनुसार स्पेशल इकोनोमिक जोन, फ्री ट्रेड वेयर हाऊसिंग जोन से किसी व्यक्ति को एक्सपोर्ट क्लियरेंस से पहले सप्लाई की जाती है अथवा डोमेस्टिक टेरिफ एरिया (DTA) को सप्लाई की जाती है, तो इस ट्रानजैक्शन उस पर GST नहीं लगाया जाएगा।

इसके अतिरिक्त यह भी प्रस्तावित है कि उक्त गतिविधियों पर इस संशोधन के लागू होने के पहले वसूल किए गए कर की वापसी नहीं की जाएगी।
लाभ : इस प्रावधान से मध्य प्रदेश मे निर्यात संबंधी प्रक्रियाओं के लिए प्रोत्साहन प्राप्त होगा तथा राज्य में निवेश का माहौल बनेगा। समाचार समाप्त
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!