मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण समाचार है। मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंत्री परिषद ने आज मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 को मंजूरी दे दी है। अब तक मध्य प्रदेश में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 लघु था। आईए जानते हैं कि दोनों नियमों में क्या अंतर है और कर्मचारियों को नए नियम में नुकसान हुआ या फायदा:-
मध्यप्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 के नए प्रावधान
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 का अनुमोदन किया गया है। अनुमोदन अनुसार प्रचलित नियम मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में परिवर्तन की आवश्यकता के दृष्टिगत नवीन अवकाश नियम मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 तैयार किया गया है। नवीन अवकाश नियम 2025 के नवीन प्रावधानों में महिला शासकीय सेवक सेरोगेट / कमीशनिंग मां को भी प्रसूति अवकाश की पात्रता होगी। अवकाश विभागों के शैक्षणिक संवर्ग को एक वर्ष में 10 दिवस के अर्जित अवकाश की पात्रता होगी। दत्तक संतान ग्रहण करने के लिये शासकीय सेवकों को कुल 15 दिवस के पितृत्व अवकाश की पात्रता होगी।
इसके साथ ही संतान पालन अवकाश की पात्रता एकल पुरुष शासकीय सेवक को भी होगी। अर्धवेतन अवकाश को अवकाश खाता में अग्रिम रूप से जमा किया जायेगा। यह अवकाश 01 जनवरी को 10 दिवस एवं 01 जुलाई को पुनः 10 दिवस के मान से अवकाश लेखे में अंकित किया जायेगा। अर्जित अवकाश की एक बार प्राप्त करने की अधिकतम अवधि 120 दिन से बढ़ायी जाकर 180 दिवस की गयी है। दिव्यांग अथवा गंभीर अस्वस्थ शासकीय सेवक के अवकाश आवेदन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को सुलभ बनाया गया है, अब परिवार के सदस्य भी आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे। अवकाश स्वीकृत करने के अधिकारों का प्रत्यायोजन के संबंध में नियमों में भी प्रावधान किये गये है। नियम के प्रकाशन एवं अन्य अनुवर्ती कार्यवाही के लिए वित्त विभाग को अधिकृत किया गया है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 के प्रभावशील होने से राज्य के कोष पर अतिरिक्त व्यय भार नगण्य होगा।
यह मामला मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारी से जुड़ा हुआ है कृपया इस नियम की समीक्षा करके आप स्वयं बताइए यह नियम आपके लिए लाभदायक है या नहीं। प्रबुद्ध नागरिकों की प्रतिक्रियाएं मूल्यवान होती है क्योंकि इस प्रकार की प्रतिक्रियाओं से ही सरकार नवीन नीति और नियमों का सृजन कर पाती है।