Criminal law - क्या पुलिस किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है?

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किसी भी प्रकार के Crime की संभावना होने पर Executive magistrate द्वारा वैधानिक आदेश दिए जाने के बाद ही Police कोई कार्रवाई कर सकती है लेकिन Bharatiya nagarik suraksha Sanhita,2023 का अध्याय 12 पुलिस को यह अधिकार देता है कि कुछ विशेष मामलों में वह executive magistrate के आदेश के बिना भी Crime को रोकने के लिए कार्रवाई कर सकती है। Police Act 1861 की धारा-23 भी Police को इसी प्रकार का अधिकार देती है। आइए जानते हैं:-

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita,2023 की धारा 168 की परिभाषा

Police Act, 1861 की धारा 23 के अनुसार किसी भी Police Stations के मुख्य अधिकारी को यह अधिकार है कि वह बिना warrant के किसी Liquor Store, Gaming House, खुले और अव्यवस्थित चरित्रों के restaurant आदि का inspection कर सकता है। लेकिन BNSS की धारा 168 के अनुसार Police Staff एवं Officials को Crime रोकने की पूरी स्वतंत्रता दी जाती है। इसमें Police stations की सीमा निर्धारित नहीं होती। यदि कोई Police officer देखता है कि उसके सामने कोई Crime होने जा रहा है, एवं वह cognizable offence है। तब Police officer ऐसे Crime को रोकने के लिए कोई भी कदम उठा सकता है। इसके लिए उसे किसी भी प्रकार के Order और अधिकार क्षेत्र की आवश्यकता नहीं है।

लेकिन BNSS की धारा 168 केवल cognizable offence को रोकने के लिए Police को बिना वारंट कार्रवाई करने का अधिकार देती है। non-cognizable offense के मामले में ऐसा नहीं है। 

State vs Lalchand : मामले में प्रत्यर्थी जो Punjab State के भारतीय जनसंघ के उपाध्यक्ष थे, को हिंदी बचाओ आंदोलन के सम्बंध में BNSS स की धारा 168 के अधीन बिना वारण्ट के गिरफ्तार किया गया। उन्हें पुलिस की गाड़ी में एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया गया। गिरफ्तारी के समय किसी cognizable offence के किए जाने की आशंका साबित होना नहीं पाई गई। Court ने Decision दिया कि उपरोक्त कार्यवाही BNSS की धारा - 168 के अधीन नहीं कही जा सकती है एवं यह Illegal थी। 

किस मामले में पुलिस किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है
अर्थात पुलिस cognizable offence होने की स्थिति में बिना वारण्ट के BNSS की धारा-168 के अंतर्गत हस्तक्षेप कर सकती है लेकिन non-cognizable offense के लिए वारण्ट का होना आवश्यक होगा।

✍️लेखक: बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार, होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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