राहुल गांधी की टीम ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के 71 जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी है। राजधानी भोपाल में दोनों जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का विरोध किया जा रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की टीम के सबसे प्रमुख सदस्य और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने संगठन सृजन के नाम पर संगठन का विसर्जन कर दिया है।
भोपाल में प्रवीण सक्सेना और अनोखी पटेल की कोई पहचान ही नहीं है
कांग्रेस पार्टी ने भोपाल में शहर के लिए प्रवीण सक्सेना और ग्रामीण के लिए अनोखी पटेल दोनों को रिपीट कर दिया है। अपने पिछले कार्यकाल में दोनों ने कोई महत्वपूर्ण काम नहीं किया। यहां तक की दोनों की अपनी कोई खास पहचान भी नहीं है। प्रवीण सक्सेना की पहचान उनके करोड़पति भाई संजीव सक्सेना से है जो भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। तब कांग्रेस पार्टी ने उनके साथ डील करके उनके भाई प्रवीण सक्सेना को जिला अध्यक्ष बना दिया था। संगठन सृजन के दौरान यह माना जा रहा था कि, इस बार दिल्ली से आई राहुल गांधी की टीम जनता में नेताओं की सक्रियता और कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए जिला अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
जीतू पटवारी और संजीव सक्सेना के बीच में डील हो गई है
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि, पूर्व जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना, वर्तमान विधायक आतिफ अकील, नरेला विधानसभा से मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले मनोज शुक्ला, पूर्व पार्षद अमित शर्मा, पूर्व कार्यकारी जिला अध्यक्ष प्रकाश चौकसे, साजिद अली और राहुल राठौर दमदार दावेदार थे। इन सबकी जनता में अपनी पहचान है। यह सभी अपने वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर सक्रिय रहते हैं। इन सभी नेताओं को छोड़कर संजीव सक्सेना की डील को महत्व दिया गया। बताया तो यह भी जा रहा है कि संजीव सक्सेना, जीतू पटवारी को फाइनेंस कर रहे हैं। इसलिए जीतू पटवारी ने उनके भाई के नाम पर उनको भोपाल का जिला अध्यक्ष बना दिया है।
जीतू पटवारी ने दिग्विजय सिंह पर सबसे बड़ा हमला किया है
कांग्रेस पार्टी ने जनता के बीच अपना पक्ष रखने के लिए अजय सिंह यादव को प्रदेश प्रवक्ता बनाया है। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर अजय सिंह यादव का कहना है कि, कांग्रेस पार्टी का जिला अध्यक्ष चयन के लिए संगठन सृजन एक नाटक नौटंकी सिद्ध हुआ जमीनी नेता कार्यकर्ताओं को अवसर दिया जाएगा यह सब झूठी बाते बनकर रह गई पूर्व की तरह नेताओं के हस्तक्षेप से जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हुई वही इस बार जीतू पटवारी द्वारा सभी वरिष्ठ नेताओं के किनारे लगा दिया गया। जहां दिग्विजय सिंह के बेटे,भतीजे प्रदेश का नेतृत्व करना चाहते थे उन्हें जीतू पटवारी ने जिला अध्यक्ष बनाकर एक जिले तक सीमित कर दिया। ओमकार मरकाम जैसे CEC के सदस्य को भी एक जिले तक सीमित कर दिया। यह जीतू पटवारी ने संगठन सृजन के नाम पर अपने सभी विरोधियों का विसर्जन कर दिया है। पूरी तरह गुटबाजी के आधार पर ही कांग्रेस के जिला अध्यक्षों का चयन हुआ है।