भारत सहित दुनिया के कई देशों में सबसे ज्यादा कारोबार कर रही अमेरिका की अपनी दुकान Amazon की हालत खराब होने लगी है। अमेरिका की सरकार द्वारा लिए गए लोन को चुकाने के लिए टैरिफ तो लगा दिए गए लेकिन इसका सीधा असर अमेरिका के छोटे दुकानदारों और Amazon जैसी कंपनियों पर भी साफ दिखाई देने लगा है। दूसरी तरफ AI ने भी Amazon के कारोबार को काफी प्रभावित किया है। रिजल्ट यह है कि अमेरिका में लोगों ने Amazon के शेयर्स बेचना शुरू कर दिए हैं क्योंकि उनको लगता है कि कंपनी अब इसके ऊपर नहीं जाएगी, और शायद Amazon का भविष्य अच्छा नहीं है।
US में Amazon का डाउन शुरू
Bears of Wall Street ने यूनाइटेड स्टेट के शेयर बाजार की जानकारी देते हुए एक रिपोर्ट पब्लिश की है जिसमें बताया है कि, अमेजॉन ने अपनी दूसरी तिमाही का रिजल्ट घोषित कर दिया है। रेवेन्यू में 13% वृद्धि हुई है। अमेरिका के उत्तरी खंड में अमेजॉन ने अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन यह भी ध्यान दिया जा रहा है कि अमेजॉन का यह प्रदर्शन तब हुआ है जब कोई बड़ा टैरिफ नहीं था। 2 अप्रैल को टैरिफ की घोषणा जरूर की थी परंतु लागू नहीं किया गया था। अब टैरिफ लागू होने लगे हैं। इसलिए निकट भविष्य में हालात खराब हो सकते हैं या फिर बेकाबू हो सकते हैं।
Amazon: कीमत बढ़ेगी तो बिक्री घटेगा
अमेरिका में इन्वेस्टर्स को समझ में आ गया है कि, टैरिफ के पीछे सिर्फ एक कारण है, अमेरिका की सरकार के ऊपर इतना अधिक लोन हो गया है कि उसके पास जितने भी कमाई के साधन है वह बहुत कम पड़ रहे हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन एक तरफ अपने खर्चे कम कर रहा है और दूसरी तरफ अपनी कमाई बढ़ाने के लिए टैक्स बढ़ा रहा है। इसलिए, यह बात पक्की है कि अमेरिका की पब्लिक को सभी प्रकार के समान पर पहले से अधिक टैक्स देना पड़ेगा। Amazon जैसी कंपनियों के साथ सबसे बड़ी प्रॉब्लम होगी कि, टैरिफ के कारण विक्रेता अपनी वस्तुओं का मूल्य बढ़ा देंगे और इसके बदले में बिक्री घट जाएगी। Goldman Sachs का स्टेटमेंट भी आया है। इनका कहना है कि बाजार में स्थिति और ज्यादा तनावपूर्ण होगी। Amazon जैसी कंपनियों के लिए भविष्य आनंददायक नहीं है।
अमेरिका की सरकार द्वारा लिया गया लोन अमेरिका की जनता चुकाएगी
स्टॉक मार्केट की खबरों और एक्सपर्ट्स के ओपिनियन से एक बात समझ में आ गई है कि डोनाल्ड ट्रंप पिछले कुछ दिनों से जो कुछ भी कर रहे हैं, अमेरिका की जनता को भ्रमित करने के लिए कर रहे हैं। ताकि उनको लगे कि उनकी सरकार, देश के हित में दुनिया भर से संघर्ष कर रही है। जबकि टैक्स का भुगतान अमेरिका की जनता को ही करना है। यानी कि अमेरिका की सरकार ने जो लोन लिया है वह अमेरिका की जनता को चुकाना है। यदि जनता से डायरेक्ट अपील करते तो शायद कोई ऐसे सपोर्ट नहीं करता परंतु वैश्विक राजनीति के अध्ययन में पाया गया है कि, तनाव की स्थिति में जनता अधिक टैक्स देने को तैयार हो जाती है।