भारत को आजादी की तारीख 15 अगस्त का चुनाव लॉर्ड माउंटबेटन ने किया था। वह मानते थे कि यह उनके जीवन की सबसे भाग्यशाली तारीख है। वैसे होना यह चाहिए था कि भारत को स्वतंत्र करने के बाद उसमें से पाकिस्तान को विभाजित किया जाता लेकिन लॉर्ड माउंटबेटन नहीं चाहते थे कि उनके स्वतंत्र भारत पर किसी भी प्रकार का कलंक लगे इसलिए उन्होंने एक दिन पहले 14 अगस्त को पाकिस्तान को मान्यता दी और फिर 15 अगस्त को अपने जीवन की सबसे भाग्यशाली तारीख को भारत को स्वतंत्रता प्रदान की। इस प्रकार 14 अगस्त को पाकिस्तान अस्तित्व में आया और 15 अगस्त को भारत स्वतंत्र हुआ।
How historical and important was the date of 15 August for India even before independence
बहुत कम लोग जानते हैं कि, फरवरी 1947 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने घोषणा की थी कि जून 1948 तक ब्रिटेन भारत को आज़ादी देगा। इस प्रकार भारत को स्वतंत्र करने की तारीख 30 जून 1948 थी। लेकिन प्रकृति ने भारत की स्वतंत्रता के लिए 15 अगस्त 1947 को चुना। महात्मा गांधी को प्रेम पूर्वक राष्ट्रपिता कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत के जन्म के उत्सव में महात्मा गांधी उपस्थित नहीं थे। उनको ऐसा भारत स्वीकार ही नहीं था जो पाकिस्तान से अलग होकर जन्म ले रहा हो। भारत के इतिहास में 15 अगस्त की तारीख 1947 से पहले भी महत्वपूर्ण रही है। इस दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं घटित हुई है। इनमें से अधिकांश शुभ और मंगलकारी प्रसंग है।
1. 1772 – दीवानी और फौजदारी अदालतों का विभाजन
15 अगस्त 1772 को ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में भारत की न्याय व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव हुआ। वॉरेन हेस्टिंग्स के नेतृत्व में ‘द्वैध न्याय प्रणाली’ लागू की गई, जिसमें सिविल (दीवानी) और क्रिमिनल (फौजदारी) अदालतों को अलग कर दिया गया। इस सुधार का उद्देश्य ब्रिटिश प्रशासन को भारतीय कानून व्यवस्था पर बेहतर नियंत्रण देना था, हालांकि इसका लाभ जनता से ज्यादा अंग्रेजी शासन को मिला।
2. 1854 – हावड़ा से हुगली तक पहली यात्री ट्रेन सेवा
15 अगस्त 1854 को बंगाल प्रेसीडेंसी में ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी ने हावड़ा से हुगली के बीच 37 किमी लंबी पहली यात्री ट्रेन सेवा शुरू की। यह भारत में यात्री रेल सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था। इस सेवा ने कोलकाता और आसपास के इलाकों के व्यापार और यातायात को नई गति दी और बाद में पूरे देश में रेलवे नेटवर्क के विस्तार की नींव रखी।
3. 1907 – इंडियन बैंक की स्थापना
15 अगस्त 1907 को मद्रास (अब चेन्नई) में इंडियन बैंक की स्थापना हुई। यह बैंक पूरी तरह से स्वदेशी पूंजी से शुरू हुआ और इसका उद्देश्य भारतीय व्यापारियों और उद्यमियों को आर्थिक मदद प्रदान करना था। उस समय स्वदेशी आंदोलन तेज़ी पर था, और यह बैंक आर्थिक स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में देखा गया। आज भी इंडियन बैंक देश के प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंकों में से एक है।
4. 1872 – श्री अरविंद घोष का जन्म
15 अगस्त 1872 को कोलकाता में क्रांतिकारी, दार्शनिक और योगी श्री अरविंद घोष का जन्म हुआ। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई और बाद में पांडिचेरी में आध्यात्मिक साधना में जीवन समर्पित किया। श्री अरविंद ने भारतीय राष्ट्रवाद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जोड़ा और उनकी शिक्षाओं का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है।