भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आज मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव से पूछा है कि सरकारी नौकरियों में 13% पदों पर नियुक्तियों को HOLD क्यों कर दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से इस सवाल का जवाब शपथ पत्र पर मांगा है, ताकि बाद में पलटने की कोई गुंजाइश न हो। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि, इस प्रकार की याचिका पर अलग से सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं है। याचिका को अन्य यशिकाओं के साथ संलग्न कर दिया गया। याचिका में मांग की गई थी कि सरकार को 27% आरक्षण लागू करने का आदेश दिया जाए परंतु सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का विवरण
Court Number 12 में Justice PS Narasimha और Justice R Mahadevan की bench ने इस मामले की सुनवाई की। यह case serial number-35 पर सूचीबद्ध था। Petitioner OBC Mahasabha ने दलील दी कि मध्यप्रदेश में OBC population 51% है, फिर भी 27% reservation लागू नहीं हो रहा। Madhya Pradesh High Court से transferred लगभग 70 petitions अब Supreme Court में हैं, जिन पर आगे सुनवाई होगी। हालांकि, तत्काल 27% reservation लागू करने की मांग पर कोई राहत नहीं मिली।
OBC Reservation पर मध्य प्रदेश सरकार का पक्ष
Court ने सुनवाई के दौरान कहा कि 50 से अधिक petitions पहले से विचाराधीन हैं, इसलिए इस petition पर अलग से सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। Petitioner’s lawyer ने तर्क दिया कि 27% OBC reservation पर कोई legal stay नहीं है। Madhya Pradesh Government के विभिन्न departments ने 27% reservation के आधार पर advertisements जारी किए थे, लेकिन recruitment में 13% posts अभी भी hold हैं।
Court ने इस petition को main petition के साथ tagged कर दिया। अब आगे की सुनवाई main petition के साथ होगी। Madhya Pradesh Government से इस पर जवाब मांगा गया है।
वकील की दलील: सरकार पुराने आदेश का हवाला दे रही
Petitioner’s advocate ने कहा कि 2019 में OBC Reservation Act पास होने के बाद भी candidates को पांच साल से 27% reservation का लाभ नहीं मिला। Government 19 मार्च 2019 के High Court interim order का हवाला देकर reservation लागू करने से बच रही है, जबकि Act पर कोई stay नहीं है।
OBC Mahasabha का बयान
OBC Mahasabha के core committee member Advocate Dharmendra Kushwaha ने बताया कि Court ने notice जारी कर Madhya Pradesh Government से पूछा है कि 27% reservation क्यों लागू नहीं किया जा रहा। सुनवाई लगभग 10 मिनट चली। Solicitor General, जो government की ओर से appeared थे, ने 27% reservation लागू करने और 13% unhold positions को हटाने का विरोध किया। Petitioner ने जल्द सुनवाई की मांग की, लेकिन Solicitor General ने इसका भी विरोध किया।
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