मध्य प्रदेश की गुना पुलिस ने अपने ही जिले के फर्जी कलेक्टर को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है लेकिन उसका दोस्त जो शिवपुरी में सीआरपीएफ अधिकारी है, अभी तक फरार है। पूरी संभावना है कि वह भी फर्जी होगा लेकिन ठगी के अपराध में बराबर का साझेदार है। इस घटना की कहानी हमें यह भी समझाती है कि, "लालच बुरी बला है"। यह ऐसा काला चश्मा है जो सत्य का अनुसंधान करने वाले अधिवक्ताओं को भी अंधा कर देता है।
CRPF अधिकारी के घर का पूरा सामान सिर्फ 80 हजार रुपए में
यह कहानी, गुना के अधिवक्ता श्री पुष्पराग शर्मा की है। 4 जून की रात एडवोकेट पुष्पराग शर्मा को फेसबुक मैसेंजर पर गुना कलेक्टर की फर्जी आईडी से मैसेज मिला। लिखा था, "मेरा एक दोस्त CRPF में है, वह आपसे संपर्क करेगा, उसकी मदद कर देना।" इसके बाद एडवोकेट शर्मा ने अपना नंबर शेयर किया। वॉट्सऐप कॉल पर खुद को CRPF अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि उसका ट्रांसफर हो गया है और वह सस्ते में घर का सामान बेच रहा है। 80 हजार रुपए में सौदा तय हुआ और 20 हजार रुपए ट्रांसपोर्ट चार्ज के नाम पर एडवांस मंगवा लिए। अगले दिन आरोपी ने और 5 हजार रुपए मांगे। इस पर पुष्पराग शर्मा को शक हुआ और उन्होंने सीधे कलेक्टर "किशोर कुमार कन्याल" से बात की। यहीं सच्चाई सामने आ गई कि न तो कलेक्टर ने कोई मैसेज किया और न ही कोई CRPF अफसर है।
भिवाड़ी के गांव में बैठे लड़के ने गुना कलेक्टर, पुलिस और वकील सबको परेशान कर दिया
वकील की शिकायत पर कैंट थाना पुलिस ने FIR दर्ज की। जांच के दौरान तकनीकी विश्लेषण और साइबर ट्रेसिंग से आरोपी की लोकेशन राजस्थान के भिवाड़ी जिले में मिली। पुलिस टीम ने वहां से 22 वर्षीय अजहरुद्दीन पुत्र रणजीत मेवाती, निवासी ग्राम नीमली, थाना जैरौली को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से ठगी के 20 हजार रुपए और मोबाइल फोन बरामद किया गया।
पुलिस के हिसाब से ऑपरेशन सक्सेसफुल
पुलिस अधीक्षक अंकित सोनी और ASP मानसिंह ठाकुर के निर्देशन में यह कार्रवाई हुई। टीम का नेतृत्व CSP प्रियंका मिश्रा और कैंट थाना प्रभारी TI अनूप कुमार भार्गव ने किया। इस कार्रवाई में SI राहुल शर्मा, ASI गिरिराज सिंह जाटव, आरक्षक माखन चौधरी, विकास राजपूत, शुभम रघुवंशी, सचिन शर्मा और साइबर सेल के कुलदीप यादव शामिल थे। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि सोशल मीडिया पर आने वाले मैसेज और कॉल पर बिना पुष्टि के किसी को भी पैसे न दें। किसी भी शासकीय अधिकारी से सीधे संपर्क कर जानकारी जरूर लें।
शिवपुरी वाला CRPF ऑफिसर कहां है, उसको कौन पकड़ेगा
इस अपराध में दो लोग शामिल है। एक व्यक्ति जिसने चैटिंग की थी और दूसरा व्यक्ति जिसने सीआरपीएफ ऑफिसर बनकर अधिवक्ता से बातचीत की थी। पुलिस ने दोनों में से एक व्यक्ति को पकड़ लिया है। बताया है कि इसी लड़के ने गुना कलेक्टर के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई थी और एडवोकेट शर्मा से चैटिंग की थी। सवाल यह है कि शिवपुरी वाला सीआरपीएफ ऑफिसर कहां पर है। उसकी गिरफ्तारी बाकी है। गुना पुलिस का सकती है कि "गंगाधर ही शक्तिमान है" लेकिन यदि ऐसा किया तो याद रखना गंगाधर ही शक्तिमान की जमानत करवाइए। और गिरफ्तार करने वाला पुलिस अधिकारी देखता रह जाएगा।