मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी श्री घनश्याम सोनी को पद से हटाने और उनके खिलाफ की गई शिकायतों की जांच करवाने की मांग की गई है। उनके खिलाफ एक नया आरोप लगाया गया है। बताया गया है कि रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना के तहत महिला प्रशिक्षकों की नियुक्ति में उन्होंने घोटाला किया है।
उम्मीदवारों को आवेदन का मौका ही नहीं दिया
कांग्रेस पार्टी के नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन द्वारा छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना शुरू की गई थी। दिनांक 14 जुलाई को शासन स्तर से जिला शिक्षा अधिकारी को महिला प्रशिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए गए थे। आवेदन की अंतिम तिथि 21 जुलाई थी। जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने 21 जुलाई को ही विज्ञापन प्रकाशित करवाया और उसी दिन शाम 4:00 बजे आवेदन प्रक्रिया बंद कर दी।
जबलपुर में महिला प्रशिक्षक भर्ती घोटाला
सौरभ शर्मा का आरोप है कि DEO जबलपुर ने विज्ञापन को जानबूझकर छह दिन तक दबाए रखा और अंतिम दिन जल्दबाजी में जारी किया, ताकि उनके खास लोगों को ही आवेदन का मौका मिले। विज्ञापन में बताया गया कि योजना के तहत जबलपुर जिले की 60 शासकीय हाई स्कूलों में महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जानी हैं। प्रत्येक महिला प्रशिक्षक को कम से कम 100 छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना होगा। उन्हें प्रति माह ₹5000 मानदेय दिया जाएगा। एक प्रशिक्षक को तीन स्कूलों की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
डीईओ घनश्याम सोनी के खिलाफ कई शिकायत होगी जांच लंबित
सौरभ शर्मा ने कहा कि डीईओ श्री घनश्याम सोनी पहले भी कई बार विवादों में रहे हैं और उनके खिलाफ शिकायतें अभी जांच के लिए लंबित हैं। अब उन्होंने छात्राओं की सुरक्षा और प्रशिक्षण से जुड़ी इस योजना में भी भ्रष्टाचार शुरू कर दिया है। सौरभ शर्मा ने मांग की है कि इस योजना के तहत महिला प्रशिक्षकों की नियुक्ति के लिए दोबारा विज्ञापन जारी किया जाए और डीईओ घनश्याम सोनी को तत्काल पद से हटाकर उनके खिलाफ निष्पक्ष विभागीय जांच की जाए।
इस मामले में डिप्टी कलेक्टर पुष्पेंद्र अहाके ने कहा कि कांग्रेस का ज्ञापन कलेक्टर दीपक सक्सेना तक पहुंचा दिया गया है। शिकायत की जांच की जाएगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई होगी।