BHARATIYA NAGARIK SURAKSHA SANHITA की धारा 193 के अंतर्गत Police अपनी Investigation रिपोर्ट अर्थात Chart sheet न्यायिक मजिस्ट्रेट (Judicial magistrate) के पास भेजती है। Magistrate पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए Chart sheet की समीक्षा करता है। इस दौरान Decision लिया जाता है कि Police की Investigation रिपोर्ट को Trial के लिए किस Court में भेजना है अथवा आरोपी को Trial से पहले ही बुक कर देना है। आइए जानते हैं, वह कौन सी होती है जब किसी आरोपी को Court में Trial से पहले ही उन्मोचित कर दिया जाता है:-
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 262 की परिभाषा
जब किसी Crime की Chart sheet संबंधित Judicial magistrate के पास पहुँचती हैं तब Magistrate उपर्युक्त धारा के अंतर्गत accused पक्ष की परीक्षा (Examination) करेगा अगर Magistrate को लगता हैं कि Chart sheet में लगे आरोपों को साबित (prove) करने के कोई ठोस साक्ष्य (Evidence) नहीं है तब Magistrate आरोपी को उन्मोचित (Discharged) कर देगा, अगर Chart sheet संदेह के परे है तो आरोपी को उन्मोचित करने से पहले जमानत (Bail) के साथ बॉन्ड भी ले सकता है न्यायालय।
हम कह सकते हैं- कि BNSS की धारा 262 के तहत मजिस्ट्रेट किसी आरोपी को Trial से पहले ही मुक्त कर सकता है, लेकिन ऐसा केवल तक किया जा सकता है जब Magistrate के पास यह विश्वास करने का पुख्ता (solid) आधार हो की Chart Sheet में अपराध के घटित होने और उसमें accused के शामिल होने का कोई सबूत मौजूद नहीं है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।