यदि कोई व्यक्ति किसी Crime में दोषी पाया गया हो और कोई अन्य व्यक्ति उस Guilty व्यक्ति के खिलाफ उसी प्रकार की New Complaint दर्ज करे, तो क्या उस Criminal व्यक्ति को इस आधार पर दंडित किया जा सकता है कि उसने पहले भी ऐसा Crime किया था? आइए जानते हैं कि कानून इस बारे में क्या कहता है:
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 271 की परिभाषा:
- यदि कोई Complaint पर Magistrate के समक्ष कोई Accused पेश होता है, और Magistrate को लगता है कि लगाए गए Accusations सही नहीं हैं, तो Magistrate उस Accused व्यक्ति को रिहा कर देगा।
- यदि Magistrate को लगता है कि लगाए गए Accusations उचित और ठोस हैं, तो Magistrate उस Accused व्यक्ति के Crimes को दर्ज करेगा।
यदि व्यक्ति पर लगाए गए वर्तमान Blame सिद्ध नहीं होते, लेकिन वह पूर्व में इसी प्रकार के मामले में Criminal पाया गया था, तो ऐसी स्थिति में उसके पूर्व के Crime Records को तब तक नहीं देखा जाएगा, जब तक कि Present Crime सिद्ध न हो जाए।
BNSS, 2023 Section 271 का उदाहरण:
मान लीजिए, एक व्यक्ति को मारपीट के मामले में पूर्व में Punished किया जा चुका है। यदि कोई दूसरा व्यक्ति फिर से मारपीट का Blame लगाते हुए बिना Evidence प्रस्तुत किए यह दलील देता है कि Accused व्यक्ति पहले भी Punished हो चुका है, इसलिए यह माना जाए कि इस बार भी उसने Crime किया है, तो Magistrate ऐसी दलील को Dismissed कर देगा। Present Crime का स्वतंत्र रूप से सिद्ध होना अनिवार्य है। Old Criminal Records के आधार पर सजा को कठोर किया जा सकता है, लेकिन किसी भी व्यक्ति का Crime Record, किसी New Charge में Punished करने के लिए उचित और पर्याप्त नहीं माना जाएगा। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।