मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आरटीओ चेक पोस्ट बंद कर दिए हैं परंतु मुख्यमंत्री के आदेश का पालन केवल डॉक्यूमेंट में हुआ है। चेक पोस्ट पर वसूली जारी है। पहले परिवहन विभाग के कर्मचारी वसूली करते थे। अब आरटीओ के अवैध वसूली भाई तैनात मिलते हैं। सिवनी जिले में इसी प्रकार के एक वसूली भाई को ट्रक ड्राइवरों ने जमकर पीटा और इसका वीडियो भी वायरल किया। आरटीओ और थाना प्रभारी के बयान तो आए हैं लेकिन समाचार के लिखे जाने तक पुलिस और प्रशासन दोनों में से किसी ने भी इस घटनाक्रम को किसी भी सरकारी डॉक्यूमेंट में दर्ज नहीं किया है।
खवासा मेटेवानी चेकपोस्ट का काला सच
मुख्यमंत्री द्वारा चेक पोस्ट बंद कर दिए जाने के बाद परिवहन अधिकारी द्वारा यहां पर अवैध रूप से वसूली भाई की नियुक्ति कर दी गई। ऐसा पहले भी होता था लेकिन तब इनके साथ परिवहन विभाग का कोई कर्मचारी भी होता था लेकिन अब वसूली भाई को खाकी वर्दी पहना दी गई और वसूली का टारगेट दे दिया गया। टारगेट का प्रेशर और खाकी की गर्मी वसूली भाई के दिमाग में चढ़ गई। इसका नतीजा यह हुआ कि, ट्रक ड्राइवरों ने उसे रस्सी से बांध और जमकर पिटाई लगाई। इतना मारा कि, वसूली भाई अधमरा हो गया। अस्पताल में भर्ती किया गया है।
दोनों संबंधित अधिकारियों के बयान पढ़िए
इस मामले में सिवनी जिले के परिवार अधिकारी श्री देवेश बाथम का कहना है कि, वीडियो में जिसकी पीती हो रही है वह हमारे डिपार्टमेंट का कर्मचारी नहीं है। बघीरा ढाबे का सुरक्षाकर्मी अमन है। खवासा मेटेवानी चेकपोस्ट बंद है। इसका फायदा उठाकर ढाबे का सुरक्षाकर्मी अमन खाकी वर्दी पहनकर यहां ट्रकों से अवैध वसूली करता था। घटना के समय वह नशे की हालत में था। ड्राइवरों ने उसे ट्रक से बांध दिया था। कुरई पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने भीड़ को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। घायल अमन को कुरई अस्पताल में भर्ती कराया गया है। थाना प्रभारी कृपाल सिंह तेकाम के अनुसार, अभी तक पीड़ित की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
कलेक्टर साहब हस्तक्षेप नहीं करेंगे क्या?
थाना प्रभारी के बयान से स्पष्ट होता है कि एक व्यक्ति के साथ बेरहमी के मारपीट की गई है। उसे बंधक बनाया गया। इसमें उसकी जान भी जा सकती थी। सवाल सिर्फ इतना जाएगी यदि डरा हुआ व्यक्ति शिकायत नहीं करेगा तो क्या मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। परिवहन अधिकारी का बयान स्पष्ट करता है कि एक व्यक्ति खाकी वर्दी पहनकर और खुद को परिवहन विभाग का कर्मचारी बात कर अवैध रूप से वसूली कर रहा था। यह स्पष्ट रूप से एक अपराध है। परिवहन अधिकारी को इसकी शिकायत करनी चाहिए। अवैध रूप से वसूली करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवानी चाहिए। लेकिन परिवार अधिकारी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। स्पष्ट होता है कि परिवहन अधिकारी की जानकारी में सब कुछ चल रहा था। अब देखना यही कि सिवनी के कलेक्टर अपनी निष्पक्षता और न्याय प्रियता प्रदर्शित करते हैं, या फिर...।