High Court of Madhya Pradesh ने शासन को आदेश दिए हैं कि, तृतीय क्रमोन्नती ,समयमान वेतनमान के मामलों को अनिश्चितकाल तक पेंडिंग नहीं रखें। 90 दिन के अंदर इन मामलों का निराकरण करें। यह आदेश माननीय High Court के Justice विवेक जैन ने आदेश पारित किया है।
2016 में रिटायर हुए प्राचार्य को आज तक तृतीय क्रमोन्नति नहीं मिली
याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने बताया कि याचिकाकर्ता (सेवानिवृत्त प्राचार्य अशोक कुमार वानी, प्राचार्य ए.डी. कबीरपंथी, और प्राचार्य सुग्रीव पटेल), जो हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के प्राचार्य पद से वर्ष 2016, 2018, और 2019 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं, को 30 वर्ष की सेवा पूरी करने के बावजूद तृतीय वेतनमान का लाभ नहीं मिला। शासन के निर्देशानुसार, उन्हें समयमान वेतन की पात्रता होने के बावजूद यह लाभ प्राप्त नहीं हुआ, जबकि याचिकाकर्ता इसके हकदार हैं।
High Court judgments, retirement benefits
याचिकाकर्ताओं द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया था, लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर उन्होंने माननीय न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की। High Court ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन को आदेश दिया कि 90 दिनों के भीतर याचिकाकर्ताओं के प्रकरण का निराकरण करते हुए उन्हें समस्त लाभ प्रदान किए जाएं।
प्रकरण में याचिकाकर्ताओं का पक्ष अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने रखा।
Madhya Pradesh legal cases
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