Mars - रहस्य पता चल गया, मंगल पर जीवन का वायुमंडल कौन मिटा रहा है

हम पृथ्वी के इंसान पिछले कुछ समय से मंगल का अध्ययन कर रहे हैं, क्योंकि मंगल पर जीवन की संभावना मिलती है। इस बात के सबूत मिलते हैं की मंगल पर कभी पर्याप्त मात्रा में पानी का भंडार था और वायुमंडल भी था। हम जानना चाहते हैं कि, ऐसा क्या हुआ जो हरा-भरा मंगल, बंजर और उबर खबर हो गया। NASA के वैज्ञानिकों को इसका रहस्य पता चल गया है। 

NASA का मिशन MAVEN 

नासा ने इस रहस्य को जानने के लिए MAVEN मिशन लॉन्च किया था इसका फुल फॉर्म है Mars Atmosphere and Volatile EvolutioN अर्थात मंगल ग्रह का वायुमंडल और वाष्पशील विकास। यह मिशन सफल हो गया है। MAVEN मिशन की प्रमुख अन्वेषक शेनन करी (Shannon Curry) ने बताया कि, मंगल पर लगातार हमला (Atmospheric Sputtering) हो रहा है। शत्रु दिखाई नहीं दे रहा है परंतु उसके द्वारा मंगल में फेक जा रहे heavy ions दिखाई दे गए हैं। यह heavy ions मंगल के वायुमंडल से टकराकर तटस्थ परमाणु और अणुओं (neutral atoms and molecules) को अंतरिक्ष में उड़ा देते हैं। 

मंगल ग्रह पर बिल्कुल ऐसा ही हो रहा है

शेनन करी (Shannon Curry) ने अपनी बात को बिल्कुल सरल तरीके से समझाया। उन्होंने कहा कि यह हमला बिल्कुल वैसा ही हो रहा है जैसे आपके स्विमिंग पूल में बाहर से किसी चीज को जोर से फेंक (cannonball) दिया जाए। इसके कारण स्विमिंग पूल का पानी बाहर निकल जाएगा और बाहर से आई हुई चीज स्विमिंग पूल के थोड़े से पानी को अवशोषित कर लेगी। मंगल ग्रह पर बिल्कुल ऐसा ही हो रहा है और पिछले कुछ दिनों में यह गतिविधि बहुत ज्यादा बढ़ गई है। शायद सूर्य ग्रह पर जो भयंकर परमाणु विस्फोट हुए थे, जिसका असर पृथ्वी पर भी महसूस किया गया था, उसके कारण मंगल पर Atmospheric Sputtering बढ़ गई हो। 

NASA को यह कामयाबी कैसे मिली 

इस घटना को मापने के लिए MAVEN टीम को तीन प्रमुख उपकरणों (instruments) का समन्वय करना पड़ा:
  • Solar Wind Ion Analyzer
  • Magnetometer
  • Neutral Gas and Ion Mass Spectrometer
इन उपकरणों ने मंगल के दिन और रात के दोनों पक्षों पर, कम ऊँचाई पर एक साथ डेटा एकत्र किया। यह कार्य कई वर्षों की योजना और कक्षा में सही स्थिति पाने के बाद संभव हो पाया।

मंगल के वातावरण का Detailed Maps तैयार

इस सहयोगपूर्ण प्रयास से वैज्ञानिकों ने मंगल के वायुमंडल में फैले हुए sputtered argon particles का विस्तृत मानचित्र तैयार किया। डेटा ने यह दर्शाया कि सौर पवन के ऊर्जावान कण कहाँ पर वायुमंडल से टकरा रहे हैं और किस तरह से तटस्थ आर्गन को बाहर उड़ा रहे हैं।

आश्चर्यजनक रूप से, टीम ने पाया कि sputtering की दर पहले के अनुमान से चार गुना अधिक है और यह दर solar storms (सौर तूफ़ानों) के समय और भी तेज़ हो जाती है। इसका मतलब यह है कि जब सूर्य पहले अधिक सक्रिय था (Mars के शुरुआती इतिहास में), तब यह प्रक्रिया वातावरण को नष्ट करने में और भी अधिक प्रभावी रही होगी।

मंगल की habitability को समझने में नया अध्याय शुरू

Atmospheric Sputtering की पुष्टि केवल एक तकनीकी सफलता नहीं है, यह मंगल के वातावरण के नष्ट होने की प्रमुख प्रक्रिया को सिद्ध करती है। जब मंगल ने अपना चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) खो दिया, तो उसका वातावरण सौर पवन से असुरक्षित हो गया, जिससे सतह पर पानी को बनाए रखने वाली स्थितियाँ समाप्त हो गईं।

शेनन करी ने कहा:  

“ये परिणाम बताते हैं कि Sputtering ने न केवल मंगल के वातावरण को खोने में बल्कि वहाँ के पानी के इतिहास को निर्धारित करने में भी भूमिका निभाई।”

यह खोज यह समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि क्या कभी मंगल पर जीवन (life) था — और वह आज का निर्जन, बंजर ग्रह (barren world) कैसे बन गया। 

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