राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाया है। पश्चिमी क्षेत्रीय समिति ने मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के 380 बीएड कॉलेजों की मान्यता (B.Ed Colleges Recognition Cancelled) सत्र 2025-26 से रद्द कर दी है। इसमें मध्यप्रदेश के 10 प्रमुख कॉलेज शामिल हैं, जिनमें भोपाल, ग्वालियर, रीवा, सतना और सागर के संस्थान हैं।
क्यों रद्द हुई मान्यता?
एनसीटीई ने यह कार्रवाई उन कॉलेजों के खिलाफ की, जो हर साल अनिवार्य Performance Appraisal Report (PAR) जमा नहीं कर रहे थे। यह रिपोर्ट कॉलेजों के infrastructure, faculty, छात्रों की संख्या और academic quality का ब्योरा देती है। रिपोर्ट जमा न करने को गंभीर लापरवाही मानते हुए एनसीटीई ने मान्यता रद्द (Recognition Cancelled) करने का फैसला लिया।
मध्यप्रदेश के इन 10 कॉलेजों की मान्यता रद्द:
- श्री साईनाथ महाविद्यालय, भोपाल
- मध्यप्रदेश भोज (ओपन) विश्वविद्यालय (Distance B.Ed Program), भोपाल
- ऋषिकुल ग्रुप ऑफ बीएड कॉलेज, ग्वालियर
- फरीदा एजुकेशन सोसाइटी, ग्वालियर
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा
- नीरांचलम शिक्षा महाविद्यालय, रीवा
- स्वामी नारायण दास शिक्षा कॉलेज, सतना
- पंडित बीडी मेमोरियल बीएड कॉलेज, सागर
- द्रोणाचार्य एकेडमी, सागर
- पंडित मेमोरियल बीएड कॉलेज, सागर
भोज विश्वविद्यालय का डिस्टेंस बीएड प्रोग्राम भी बंद
भोपाल के मध्यप्रदेश भोज (ओपन) विश्वविद्यालय का Distance Learning B.Ed Program भी इस कार्रवाई की चपेट में आ गया है। यह विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष 1000 से अधिक सीटों पर छात्रों को प्रवेश देता था। अब सत्र 2025-26 से यह प्रोग्राम एनसीटीई से मान्यता प्राप्त नहीं रहेगा। भोज विवि के रजिस्ट्रार डॉ. सुशील मंडेरिया ने कहा, “हमें एनसीटीई के फैसले की जानकारी मिली है। हम निदेशक से चर्चा कर स्थिति स्पष्ट करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो एनसीटीई से बात कर समाधान निकालेंगे।”
छात्रों में असमंजस, शिक्षा क्षेत्र में चर्चा
इस फैसले से मध्यप्रदेश के बीएड छात्रों (B.Ed Students) और शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में खलबली मच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम education quality को बेहतर करने की दिशा में उठाया गया है, लेकिन इससे छात्रों के करियर पर असर पड़ सकता है। एनसीटीई ने स्पष्ट किया है कि नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों के खिलाफ भविष्य में भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
आगे क्या?
मध्यप्रदेश के प्रभावित कॉलेज एनसीटीई के साथ चर्चा कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। छात्रों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने संस्थानों से संपर्क करें और वैकल्पिक व्यवस्थाओं की जानकारी लें। इस खबर से जुड़े अपडेट के लिए बने रहें।
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