HIGH COURT का जिला शिक्षा अधिकारी को अल्टीमेटम, आदेश का पालन करो नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहो

मध्य प्रदेश: उच्च न्यायालय जबलपुर ने सागर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO Sagar) को चेतावनी देते हुए कहा है किया तो आदेश का पालन करें अथवा अनुशासनिक कारवायिका सामना करने के लिए तैयार रहें।यह मामला सागर के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (Excellence School Sagar) में कार्यरत माध्यमिक शिक्षक श्री सुरेश चंद्र जैन के उच्च पद प्रभार (Higher Post Charge) से संबंधित है।

शिक्षक श्री सुरेश चंद्र जैन बनाम जिला शिक्षा अधिकारी सागर

श्री सुरेश चंद्र जैन, जो वर्तमान में सागर के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में माध्यमिक शिक्षक (Secondary Teacher) के रूप में कार्यरत हैं, को भर्ती नियम 2018 और संशोधित नियम 2022 (Recruitment Rules 2018 & 2022) के तहत मेरिट और सीनियरिटी के आधार पर उच्च माध्यमिक शिक्षक (Higher Secondary Teacher) का उच्च पद प्रभार दिया जाना था। आयुक्त लोक शिक्षण (Commissioner Public Education) द्वारा दिनांक 04/08/24 को श्री जैन को इतिहास विषय (History Subject) में उच्च पद प्रभार का आदेश जारी किया गया था। 

हालांकि, DEO सागर ने काउंसलिंग (Counselling) में तकनीकी गड़बड़ी (Technical Glitch) के कारण गलत विषय चयन का हवाला देते हुए इस आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया। दरअसल, काउंसलिंग के दौरान पोर्टल पर इतिहास विषय प्रदर्शित नहीं हो पाया था, जिसके कारण सही विषय का चयन नहीं हो सका। फिर भी, श्री जैन की 2018 में अध्यापक से शिक्षक संवर्ग में नियुक्ति और संविलयन (Teacher Cadre Appointment and Merger) को ध्यान में रखते हुए, आयुक्त लोक शिक्षण ने उन्हें उच्च पद प्रभार का आदेश जारी किया था।

हाई कोर्ट में याचिका

श्री जैन ने DEO सागर द्वारा आदेश का पालन न किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय जबलपुर (Jabalpur High Court) में रिट याचिका (Writ Petition) दायर की। उनके अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि आयुक्त लोक शिक्षण का आदेश दिनांक 04/08/24 आज भी वैध और प्रभावी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि DEO सागर, आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल के अधीनस्थ हैं और इस आदेश का पालन करने के लिए बाध्य हैं।

सागर की जिला शिक्षा अधिकारी को 10 दिन का

उच्च न्यायालय जबलपुर की एकल पीठ ने अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद DEO सागर को सख्त निर्देश जारी किया। कोर्ट ने आदेश दिया कि श्री सुरेश चंद्र जैन को 10 दिनों के भीतर शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सागर में उच्च माध्यमिक शिक्षक (Higher Secondary Teacher) के रूप में ज्वाइनिंग (Joining) दी जाए। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि यदि DEO सागर ने आदेश का पालन नहीं किया, तो आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action) पर विचार करें। 

महत्वपूर्ण बिंदु  
  • यह मामला भर्ती नियम 2018 और 2022 (Recruitment Rules) के अनुपालन से संबंधित है।  
  • तकनीकी गड़बड़ी (Technical Glitch) के कारण काउंसलिंग में विषय चयन की समस्या उत्पन्न हुई थी।  
  • आयुक्त लोक शिक्षण का आदेश दिनांक 04/08/24 वैध और लागू है।  
  • DEO सागर को 10 दिनों के भीतर आदेश का पालन करना अनिवार्य है।

सागर के जिला शिक्षा अधिकारी को 10 दिन का अल्टीमेटम

जबलपुर हाई कोर्ट का यह फैसला न केवल श्री सुरेश चंद्र जैन के लिए न्याय सुनिश्चित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासनिक अधिकारियों को उच्चतर आदेशों का पालन करने की बाध्यता है। यह मामला शिक्षक समुदाय और प्रशासनिक जवाबदेही (Administrative Accountability) के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। 

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