बॉम्बे हाई कोर्ट ने Plaster of Paris (POP) से बनी श्री गणेश प्रतिमाओं और अन्य मूर्तियों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है। इस फैसले से Ganesh Chaturthi और अन्य religious festivals के लिए POP idols के निर्माण और बिक्री को मंजूरी मिल गई है। हालांकि, कोर्ट ने सख्ती से निर्देश दिया है कि इन मूर्तियों को प्राकृतिक जल स्रोतों जैसे नदियों, झीलों या समुद्र में विसर्जित नहीं किया जा सकता। इसके बजाय, eco-friendly immersion के लिए केवल artificial lakes का उपयोग करना होगा।
कोर्ट के फैसले की मुख्य बातें
- POP idols के निर्माण और बिक्री पर कोई रोक नहीं।
- प्राकृतिक जल निकायों में idol immersion पर पूर्ण प्रतिबंध।
- सरकार को तीन सप्ताह के भीतर एक समिति गठित कर immersion policy प्रस्तुत करने का आदेश।
- Eco-friendly Ganesh idols और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता।
मूर्तिकारों और मंडलों के लिए राहत
हाई कोर्ट के इस फैसले से idol makers और Ganeshotsav mandals को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने माना कि Plaster of Paris idols के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाना उचित नहीं है, क्योंकि यह मूर्तिकारों की आजीविका को प्रभावित करता है। हालांकि, पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए natural water bodies में विसर्जन पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
सरकार को नई नीति बनाने का निर्देश
कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह eco-friendly immersion policies बनाए, जो मूर्तिकारों, मंडलों और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखे। सरकार को artificial immersion sites विकसित करने और public awareness campaigns चलाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, बड़े public Ganeshotsav के लिए मंडल हर साल केवल एक मूर्ति का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं, जिससे पर्यावरण पर प्रभाव को कम किया जा सके।
पर्यावरण और परंपरा का संतुलन
यह निर्णय Ganesh Chaturthi 2025 और अन्य Hindu festivals के लिए महत्वपूर्ण है। Eco-friendly Ganesh idols और sustainable practices को बढ़ावा देने के लिए सरकार और मंडलों को मिलकर काम करना होगा। मूर्तिकारों को अब POP idol production में कोई कानूनी बाधा नहीं होगी, लेकिन immersion regulations का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा।
आगे की राह
यह फैसला environmental conservation और cultural traditions के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक कदम है। सरकार को जल्द ही एक विस्तृत नीति पेश करनी होगी, जो sustainable idol immersion को सुनिश्चित करे। Ganeshotsav के आयोजकों और भक्तों को भी eco-friendly practices अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।