मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब की मूर्ति को लेकर पॉलिटिक्स कर रही कांग्रेस पार्टी पर आज केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जबरदस्त हमला किया है। उन्होंने बताया कि जो पार्टी आज बाबा साहब के नाम पर हर रोज प्रदर्शन कर रही है, इस पार्टी ने न केवल अपमान किया था बल्कि उन्हें राजनीति से हमेशा के लिए दूर करने की कोशिश भी की थी।
ग्वालियर में कांग्रेस के अभियान पर सिंधिया का सवाल
केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना में आपातकाल की 50वीं बरसी पर भाजपा युवा मोर्चा द्वारा आयोजित युवा संसद में शामिल हुए । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर का नाम खूब लेती है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने ग्वालियर में संविधान और बाबा साहेब की मूर्ति को लेकर सत्याग्रह किया था, लेकिन उसी कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब अंबेडकर को मंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर किया था। सिंधिया बोले कांग्रेस ने उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करके उन्हें चुनाव में हरवाने का काम भी किया था।
ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉक्टर अंबेडकर की मूर्ति का विवाद क्या है
19 फरवरी 2025 को एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ग्वालियर आए थे। यहां एडवोकेट विश्वजीत रतोनिया, धर्मेंद्र कुशवाह और राय सिंह ने एक ज्ञापन सौंपा था। जिसमें ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर की मूर्ति स्थापना की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस ने मौखिक सहमति दी थी। यहीं से विवाद उपस्थित हो गया। माननीय चीफ जस्टिस महोदय ना तो इस प्रकार की कोई मौखिक सहमति दे सकते हैं और ना ही उनकी मौखिक सहमति के आधार पर किसी भी प्रकार का निर्माण किया जा सकता है। इसके बावजूद हाई कोर्ट परिसर में प्लेटफॉर्म बनवाया गया और आपस में चंदा करके मूर्ति का आर्डर कर दिया गया। जबकि यदि सरकारी परिसर में कोई निर्माण अथवा स्थापना होनी है तो वह सरकारी बजट से होगी। लोग चंदा करके हाई कोर्ट के अंदर मूर्ति नहीं लगा सकते। इसी बात को लेकर विवाद हो रहा है। बार एसोसिएशन का कहना है कि, यह उनके क्षेत्राधिकार है और इस पर वही फैसला करेंगे। इस मामले में किसी भी पॉलीटिकल पार्टी का इस मामले में दखल स्वीकार नहीं किया जाएगा।
नियम अंतर्गत क्या करना चाहिए
यदि इस मामले में पॉलिटिक्स नहीं हो रही है और प्रदर्शनकारी सही में बाबा साहेब की प्रतिमा को स्थापित करवाना चाहते हैं तो उन्हें अपने वकीलों की टीम इस काम पर लगाना चाहिए। भरे मंच से हिंसा की धमकी देने के स्थान पर हाई कोर्ट प्रशासन एवं बार एसोसिएशन में जाकर बात करनी चाहिए। मध्य प्रदेश में ऐसे वकीलों की बड़ी संख्या उपलब्ध है, जो किसी भी प्रकार के अन्य अन्याय के खिलाफ बिना कोई फीस लिए हाईकोर्ट में मामले लड़ते हैं। अनुसूचित जाति जनजाति के युवाओं को नौकरी दिलवाने के लिए जनहित याचिकाएं लगाई जाती है। कई प्रकार के कानूनी रास्ते हैं लेकिन इस प्रकार से प्रशासन की अनुमति के बिना प्रदर्शन करना, नियमों का उल्लंघन करना और जनता के बीच में दहशत का माहौल पैदा करना, यह साबित करता है कि, इस मामले में सिर्फ पॉलिटिक्स की जा रही है। उनकी निष्ठा डॉक्टर अंबेडकर के प्रति नहीं बल्कि बाबा अंबेडकर के बहाने अपनी पॉलिटिक्स जमाने पर है।