ब्रह्मा के लेख और देवताओं के प्रकोप से बचाने वाले बाबाओ की कथाओं में सार्वजनिक रूप से अपनी समस्या बताना जानलेवा हो गया है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में अनिरुद्धाचार्य की कथा में एक युवक (अतिथि शिक्षक) ने अपनी समस्या बताई थी। बाबा वीडियो रिकॉर्डिंग करवाते हैं। उसका वीडियो वायरल हो गया। फिर समस्या के समाधान के नाम पर पहले उसका अपहरण किया गया और फिर हत्या कर दी गई। विधिवत अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया। पुलिस ने लावारिस लाश दर्ज करके डेड बॉडी का निपटारा कर दिया।
अनिरुद्धाचार्य बाबा को अपनी निजी समस्या बताई थी
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के मझौली थाना क्षेत्र के ग्राम पड़वार निवासी अतिथि शिक्षक, 49 वर्षीय इंद्रकुमार, अपनी संस्कृत विद्या और सज्जन स्वभाव के लिए जाने जाते थे। लोग अपने गांव का सबसे विद्वान युवक मानते थे। धन संपत्ति सब कुछ था लेकिन परिवार नहीं था। सिहोरा के निकटवर्ती ग्राम रिवंझा में 3 मई से 10 मई तक आयोजित अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhachary Ji Maharaj) की कथा में अपनी समस्या साझा की थी। उन्होंने बताया था कि उनकी उम्र 49 वर्ष हो चुकी है और अच्छी-खासी प्रॉपर्टी (Property) होने के बावजूद उनकी शादी (Marriage) नहीं हो रही। इंद्र कुमार ने निवेदन किया था कि अनिरुद्धाचार्य बाबा कृपा कर देंगे तो उसकी शादी भी हो जाएगी।
अनिरुद्धाचार्य बाबा ने वीडियो रिकॉर्ड करके इंटरनेट पर वायरल करवा दिया
अनिरुद्धाचार्य बाबा ने कृपा तो नहीं की लेकिन उनकी टीम ने वीडियो रिकॉर्ड करके उसे इंटरनेट पर डाल दिया। वीडियो वायरल (Viral Video) होने के बाद 17 मई को उनके पास एक लड़की का फोन आया, जिसने अपना नाम खुशी बताया। दोनों के बीच नियमित बातचीत शुरू हुई। 26 मई को एक युवक, जो खुद को खुशी का भाई बताकर इंद्रकुमार के घर पहुंचा, ने उन्हें 6 जून को शादी का मुहूर्त होने की बात कहकर गोरखपुर (Gorakhpur) बुलाया। इंद्रकुमार ने इस युवक को वापस जाने के लिए 1100 रुपये भी दिए। शादी की तैयारियों में इंद्रकुमार ने मझौली के ज्वेलर से 1 लाख 20 हजार रुपये के जेवर (Jewelry) खरीदे। इसके अलावा, उनके पास 40 हजार रुपये नकद और पुराने जेवर भी थे।
इंद्र कुमार अपराधियों के जाल में फंस चुका था
इंद्रकुमार के कुटुंबी चाचा कैलाश तिवारी और सुरेंद्र तिवारी ने उन्हें समझाया कि लड़की पक्ष को यहीं बुलाकर शादी कर लें और जेवर बाद में दे सकते हैं। लेकिन इंद्रकुमार ने कहा कि वह 6 जून को शादी के बाद लौट आएंगे और गांव में पार्टी देंगे। 2 जून को वह गोरखपुर के लिए निकल गए। उन्होंने पड़ोसियों को लड़की के साथ अपनी फोटो भी भेजी थी।
5 जून को आखिरी बार बात हुई थी
5 जून को सुबह 10 बजे इंद्रकुमार ने पड़ोसी सुरेंद्र तिवारी और सेवानिवृत्त शिक्षक कैलाश तिवारी से फोन पर बात की। उन्होंने शादी का सामान लाने के लिए 18 हजार रुपये में लोडर वाहन बुक करने की बात कही। अगले दिन जब सुरेंद्र ने दोबारा फोन किया, तो एक महिला ने फोन उठाकर टालमटोल की। इसके बाद इंद्रकुमार का फोन बंद हो गया। 8 जून को पड़ोसियों ने मझौली थाने में गुमशुदगी (Missing Person) की रिपोर्ट दर्ज कराई।
थाने में डेड बॉडी के फोटो लगे हुए थे
26 जून को इंद्रकुमार के रिश्तेदार अजय तिवारी और मुकेश तिवारी गोरखपुर पहुंचे और कुशीनगर पुलिस से संपर्क किया। वहां थाने में लगे अज्ञात शव के पर्चे से शव की पहचान इंद्रकुमार के रूप में हुई। कुशीनगर पुलिस ने 27 जून को जानकारी दी कि इंद्रकुमार की हत्या 5 जून को ही हो चुकी थी और कुछ संदिग्ध (Suspects) गिरफ्तार किए गए हैं।
इंद्रकुमार: एक संघर्षशील और सज्जन व्यक्तित्व
इंद्रकुमार तिवारी, जिन्हें गांव में बनर्जी के नाम से जाना जाता था, संस्कृत के विद्वान (Sanskrit Scholar) और हाई स्कूल पड़वार में अतिथि शिक्षक (Guest Teacher) थे। उनके पास 18 एकड़ जमीन थी, जिस पर वे खुद खेती करते थे। बचपन में माता-पिता को खो चुके इंद्रकुमार अपने चार भाइयों की जिम्मेदारी उठाते थे। सभी भाइयों की मृत्यु हो चुकी है, और अब केवल एक छोटा भाई बचा है, जो असमर्थ है। इंद्रकुमार सुबह भोजन बनाकर खेत जाते, स्कूल में पढ़ाते, और रात को भाई के लिए भोजन तैयार करते थे। ग्रामीणों ने उनके सज्जन और विनम्र स्वभाव की सराहना की।
पुलिस का बयान
मझौली थाने में 8 जून को गुमशुदगी दर्ज की गई थी। कुशीनगर पुलिस ने 27 जून को बताया कि इंद्रकुमार की हत्या 5 जून को हुई थी और कुछ संदिग्ध हिरासत में हैं। सिहोरा की एसडीओपी पारुल शर्मा ने कहा कि आगे की कार्रवाई की जानकारी साझा की जाएगी।