अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध तो रोक दिया है लेकिन ठीक इसी समय सूरज के अंदर अब तक का सबसे बड़ा और भयंकर परमाणु विस्फोट हुआ। उससे निकलने वाली ज्वालाओं ने तूफान का रूप धारण कर लिया है और तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ रही है। वैज्ञानिकों को यह तो पता है कि यह सौर तूफान कब तक पृथ्वी के पास आ जाएगा परंतु वैज्ञानिकों को यह नहीं पता कि यह तूफान कितना खतरनाक है और पृथ्वी पर कितना नुकसान पहुंचाएगा।
अब तक का सबसे खतरनाक सौर तूफान
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस सोलर तूफान को X2.7-class श्रेणी में रखा है। इसका मतलब होता है अब तक का सबसे खतरनाक सौर तूफान। समुद्र में आने वाले तूफान से बचने के तरीके हम इंसानों ने खोज लिए हैं। अब दुनिया भर में कहीं पर भी यदि समुद्र से जमीन की तरफ तूफान आता है तो हम ज्यादा से ज्यादा मनुष्यों को और संपत्ति को तूफान से बचने का प्रबंध कर पाते हैं परंतु सौर तूफान के बारे में हमारे वैज्ञानिकों को कोई ज्यादा एक्सपीरियंस नहीं है।
यह सौर तूफान शनिवार या रविवार तक पृथ्वी के निकट आ जाएगा। पिछला अनुभव बताता है कि इसके कारण कई देशों के पावर ग्रिड फेल हो जाएंगे। ब्लैकआउट हो जाएगा। सैटेलाइट खराब हो जाएंगे। जीपीएस नेटवर्क काम नहीं करेगा। मौसम के बारे में जानकारी नहीं मिल पाएगी और रेडियो फ्रीक्वेंसी भी प्रभावित हो जाएगी। लेकिन विश्वासपूर्वक नहीं कहा जा सकता है कि सिर्फ इतना ही होगा।
पृथ्वी पर सौर तूफान का पिछला रिकॉर्ड पढ़िए
सौर तूफानों (Solar Storms) ने अतीत में कई बार पृथ्वी को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। ये तूफान तब आते हैं जब सूर्य से अत्यधिक ऊर्जा, चार्ज्ड पार्टिकल्स और चुंबकीय क्षेत्र एक साथ अंतरिक्ष में फेंके जाते हैं — जिसे हम Coronal Mass Ejection (CME) कहते हैं। जब यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराता है, तो geomagnetic storm होता है। यहाँ कुछ प्रमुख ऐतिहासिक सौर तूफानों और उनके प्रभावों की जानकारी दी गई है:
इतिहास के प्रमुख सौर तूफान और उनका प्रभाव:
1. कैरिंगटन इवेंट (Carrington Event) – 1 सितंबर 1859
प्रभाव: यह अब तक का सबसे शक्तिशाली सौर तूफान था।
दुनियाभर के असर: टेलीग्राफ नेटवर्क फेल हो गए। बिजली के कुछ तारों में आग लग गई थी।
उत्तर-दक्षिण अमेरिका, यूरोप, भारत और ऑस्ट्रेलिया में aurora borealis (Northern Lights) देखी गई, वो भी उष्ण कटिबंध में। इसके कारण रात के समय इतनी अधिक रोशनी थी कि लोग घर के बाहर बैठकर अखबार पढ़ सकते थे.
1921 का तूफान (New York Railroad Storm)
- तारीख: मई 1921
- न्यूयॉर्क में रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम जल गया।
- वॉल स्ट्रीट में टेलीफोन संचार बंद हो गया।
- टेलीग्राफ लाइनें ठप हो गईं।
क्यूबेक ब्लैकआउट – 13 मार्च 1989
- स्थान: क्यूबेक, कनाडा
- 9 घंटे तक बिजली गुल रही जिसके कारण लगभग 6 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे।
- अमेरिका में भी बिजली ग्रिड में अस्थिरता देखी गई थी।
- सैटेलाइटों को रीबूट करना पड़ा था।
- GPS और रेडियो संचार बाधित हो गया था।
Halloween Storms – अक्टूबर-नवंबर 2003
कई सैटेलाइट क्षतिग्रस्त हो गए थे।
GPS सिग्नल में रुकावट आ गई थी
एयरलाइन फ्लाइट्स को रूट बदलना पड़ा था।
स्वीडन में पावर ग्रिड फेल हो गया था।
मई 2024 – हाल ही की घटना
तारीख: 10-11 मई 2024
G5 श्रेणी का तीव्र सौर तूफान है।
कनाडा, अमेरिका, यूके और जर्मनी तक Northern Lights देखी गई है।
हवाई और समुद्री GPS में चप्पल अस्थिरता।
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