Madhya Pradesh employees selection board Bhopal उर्फ प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल उर्फ व्यावसायिक परीक्षा मंडल - VYAPAM मैनेजमेंट की नियत पर एक बार फिर से सवाल खड़ा हुआ है। कई बड़ी परीक्षाओं में घोटाले के लिए बदनाम VYAPAM वालों ने आज बिना किसी कारण की अचानक समूह-1 उपसमूह 3 संयुक्त भर्ती परीक्षा को स्थगित कर दिया। परीक्षा केंद्र तक आ चुके उम्मीदवारों को ढाई घंटे इंतजार करवाया और फिर पेपर स्थगित होने की सूचना दी गई।
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल की सार्वजनिक सूचना
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल के परीक्षण नियंत्रक द्वारा सब कुछ हो जाने के बाद एक सार्वजनिक सूचना जारी की गई। इसमें बताया गया कि, मण्डल द्वारा दिनाँक 15.05.2025 को आयोजित की जा रही "समूह-1 उपसमूह 3 संयुक्त भर्ती परीक्षा-2024" की प्रथम पॉली की परीक्षा को तकनीकी समस्या के कारण स्थगित किया गया है । उक्त परीक्षा प्रदेश के 11 परीक्षा शहरों के 42 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की जा रही थी, जिसकी प्रथम पॉली में 10704 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिसमें से 4818 अभ्यर्थी परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा देने पहुँचे थे। परीक्षा की द्वितीय पॉली/शिफ्ट अपने निर्धारित समय से प्रारंभ हुई। उक्त प्रथम पॉली/शिफ्ट की स्थगित परीक्षा हेतु परीक्षा की आगामी तिथि शीघ्र घोषित की जाएगी एवं मण्डल की अधिकृत कार्यालयीन वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी।
तकनीकी खराबी या परीक्षा घोटाला
उम्मीदवारों ने बताया कि वह सुबह 8:00 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए थे। 9:00 बजे परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाना था लेकिन उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया। 11:30 बजे तक इंतजार करते रहे और उसके बाद कहा गया कि यह पेपर स्थगित कर दिया गया है। नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी। तकनीकी खराबी की बात तब मानी जाती जब उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश दे दिया गया होता और उन्होंने कोई शिकायत की होती।
मंडल वाले दलील दे सकते हैं कि जब परीक्षा ही नहीं हुई तो घोटाला के साथ परंतु रिकार्ड बताता है कि व्यापम वालों ने ऐसे ऐसे घोटाले किए हैं जिनकी कई कल्पना तक नहीं की जा सकती। क्योंकि इस मामले में कर्मचारी चयन मंडल भोपाल वालों ने तकनीकी खराबी का बहाना लिया है इसलिए उनकी मंशा पर डाउट किया जाना तो बनता है और इस डाउट को दूर करने के लिए SIT वालों से जांच करवानी चाहिए जिन्होंने व्यापम घोटाला का खुलासा किया था।
SAGE University में गर्भवती महिला परीक्षार्थी को पानी तक नहीं पिलाया
इसके बाद अभ्यार्थियों से सामूहिक रूप से ईएसबी डायरेक्टर को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि सेज यूनिवर्सिटी भोपाल को भविष्य में परीक्षा केंद्र न बनाया जाए, सेंटर में लंबे इंतजार के बाद भी गर्भवती अभ्यर्थी ने पानी और ओआरएस की मांग की गई जो उन्हें नहीं दिया गया, जिसके चलते उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें लौटना पड़ा।
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