Expert Advice - क्या डिवाइस चार्जर को हमेशा के लिए प्लगइन करके छोड़ देना सही है? पढ़िए

Is it OK to leave device chargers plugged in all the time

लाइफ बहुत एडवांस और स्मार्ट हो गई है। लाइफ में बहुत सारी डिवाइस (iPhone, smartphone, iPad, laptop, smartwatch, headphone, earbuds, e-bikes, smart TV etc) भी आ गई। इन सबके अलग-अलग डिवाइस चार्जर होते हैं और क्या आप भी ऐसा करते हैं कि सभी प्रकार के डिवाइस चार्जर को प्लगइन करके छोड़ देते हैं। जब जरूरत होती है तो डिवाइस के साथ कनेक्ट करते हैं और डिस्कनेक्ट करके डिवाइस को अपने साथ ले जाते हैं। डिवाइस चार्जर प्लगइन बना रहता है। क्या ऐसा करना खतरनाक है, खर्चीली है, क्या डिवाइस चार्जर से कोई रेडिएशन हो सकता है। चलिए इस विषय की विशेषज्ञ से पूछते हैं। 

सबसे पहले और समझने के लिए जरूरी बात

Glen Farivar, The University of Melbourne में Power Electronics विषय के Lecturer हैं। The Conversation में प्रकाशित हुए एक आर्टिकल में उन्होंने स्पष्ट किया है कि, डिवाइस चार्जर कितनी भी अच्छी क्वालिटी का क्यों ना हो, यदि वह हमेशा के लिए प्लगइन रहता है तो किसी न किसी प्रकार से हानिकारक होता है। यह लगातार बिजली खर्च करते हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे वाटर सप्लाई को यदि आप बंद नहीं करते तो पानी लगातार बहता रहता है, चाहे फिर आप उसका उपयोग करें या नहीं। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के डिवाइस चार्ज में ऑटोमेटिक स्लीपिंग मॉड होता है। यदि उसे कोई डिवाइस कनेक्ट नहीं है तो वह अपने आप बिजली को बर्बाद करना बंद कर देता है लेकिन यह 100% बंद नहीं होता, बल्कि 90% तक काम हो जाता है। 

मोबाइल और लैपटॉप का डिवाइस चार्ज कैसे काम करता है

Lecturer Farivar ने अपने आर्टिकल में समझाया है कि, एक सामान्य चार्जर दीवार के प्लग से AC (alternating current) लेता है और इसे आपके डिवाइस की बैटरी के लिए उपयुक्त कम-वोल्टेज DC (direct current) में परिवर्तित करता है। AC से DC में परिवर्तन करने के लिए, एक सामान्य चार्जर को कई इलेक्ट्रिकल घटकों (electrical components) की आवश्यकता होती है, जैसे ट्रांसफॉर्मर (transformer), AC को DC में बदलने के लिए सर्किट, आउटपुट DC वोल्टेज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए फ़िल्टरिंग तत्व (filtering elements), और नियमन व सुरक्षा के लिए नियंत्रण सर्किट्री (control circuitry)। यदि हम डिवाइस चार्जर से डिवाइस को डिस्कनेक्ट कर देते हैं तो डिवाइस चार्ज पूरी तरह से बंद नहीं होता। उसका सिक्योरिटी सिस्टम काम करता रहता है। एक पालतू कुत्ते की तरह जब सब सुरक्षित होता है तो सोता हुआ दिखाई देता है लेकिन सतर्क रहता है। जैसे ही डिवाइसकनेक्ट की जाती है, तुरंत एक्टिव हो जाता है। 

क्या डिवाइस चार्जर को हमेशा के लिए प्लगइन करके रखना खतरनाक है

लोकल प्रोडक्ट या छोटी कंपनियों की बात अपन नहीं करेंगे। एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियां दावा करती है कि, उनके डिवाइस चार्ज पूरी तरह से सुरक्षित हैं। लेकिन एक बेसिक बात सभी प्रकार के डिवाइस चार्ज पर लागू होती है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। निर्माण की प्रक्रिया में गलती हो सकती है। यदि उसे हमेशा के लिए प्लगइन करते हैं तो उसके जल जाने या अचानक वोल्टेज अप डाउन होने पर ब्लास्ट हो जाने का खतरा होता है। सामान्य तौर पर यह एक छोटी घटना होती है लेकिन भारत में सतर्कता को समझने के लिए अक्सर कहा जाता है कि, घर के दीपक से भी सावधान रहना चाहिए क्योंकि घर का दीपक भी पूरे घर को आग लगा सकता है। 

क्या डिवाइस चार्जर को हमेशा के लिए प्लगइन करने से उसकी उम्र कम हो जाती है

यह बात 100% सही है। इसमें किसी भी प्रकार का संशय नहीं है। सभी विशेषज्ञ मानते हैं और सभी प्रकार के प्रयोग में यह बात प्रमाणित हुई है कि यदि डिवाइस चार्जर को हमेशा के लिए अल्टरनेटिव करंट AC दिया जाता रहेगा तो उसकी उम्र कम हो जाएगी क्योंकि अल्टरनेटिव करंट हमेशा झटका देता है और कई बार वोल्टेज का फ्लकचुएशन होने पर यह झटका बहुत बढ़ जाते हैं। 

क्या डिवाइस चार्जर से कोई रेडिएशन हो सकता है

डिवाइस चार्ज के अंदर इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का उपयोग किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization - WHO) और अन्य वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, चार्जर से उत्पन्न होने वाले कम-आवृत्ति EMF (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड / Electromagnetic Fields) का स्तर बहुत कम होता है और सामान्य उपयोग में मानव स्वास्थ्य के लिए कोई सिद्ध जोखिम (proven risk) नहीं है। हालांकि, सस्ते या गैर-प्रमाणित चार्जर (uncertified chargers) में खराब डिज़ाइन के कारण EMF का स्तर थोड़ा अधिक हो सकता है, लेकिन यह भी आम तौर पर सुरक्षा सीमा (safety limits) के अंदर रहता है।

क्या वायरलेस डिवाइस चार्ज सुरक्षित हैं 

वायरलेस चार्जर भी EMF उत्पन्न करते हैं, क्योंकि वे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन (electromagnetic induction) का उपयोग करते हैं। लेकिन इनका रेडिएशन स्तर भी गैर-आयनीकरण (non-ionizing) और सुरक्षित माना जाता है, बशर्ते वे प्रमाणित (certified) हों।

इन सारी समस्याओं से बचने के लिए क्या करेंगे

बहुत सरल सी बात है। डिवाइस चार्जर का केवल उतना उपयोग कीजिये जीतना जरूरी है। जब उसका काम खत्म हो जाए तो स्विच ऑफ कर दीजिए। यदि डिवाइस चार्जर को अल्टरनेटिव करंट नहीं मिलेगा तो उसके कारण किसी भी प्रकार का खतरा और नुकसान नहीं होगा। उसकी उम्र भी बढ़ जाएगी और वह लंबे समय तक। उसका ख्याल रखेंगे तो वह आपका ख्याल रहेगा। 

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इस आर्टिकल में आपको निम्न प्रश्नों के उत्तर मिले:-

  • क्या चार्जर को हमेशा प्लग में छोड़ना सुरक्षित है? (Is it safe to leave chargers plugged in all the time?)
  • क्या चार्जर से आग का खतरा (fire hazard) हो सकता है?
  • क्या चार्जर से हानिकारक रेडिएशन (harmful radiation) निकलता है?
  • क्या चार्जर बिना उपयोग के बिजली खींचते हैं? (Do chargers consume power when not in use?)
  • वैम्पायर पावर (vampire power) क्या है और यह कितनी बिजली बर्बाद करता है?
  • चार्जर को अनप्लग करने से बिजली बिल (electricity bill) में कितनी बचत हो सकती है?
  • प्रमाणित (certified) बनाम गैर-प्रमाणित चार्जर (uncertified chargers) में क्या अंतर है?
  • वायरलेस चार्जर (wireless chargers) कितने सुरक्षित और प्रभावी हैं?
  • चार्जर AC को DC में कैसे बदलता है? (How does a charger convert AC to DC?)
  • चार्जर के अंदर कौन से घटक (components) होते हैं?
  • क्या सभी चार्जर एक जैसे होते हैं, या डिवाइस के आधार पर अलग-अलग होते हैं?
  • क्या रात भर चार्जिंग (overnight charging) डिवाइस को नुकसान पहुंचाती है?

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