भोपाल में मंत्री जी का ढाबा कांड तो याद ही होगा। पहले ढाबे से लड़े फिर पुलिस वालों से लड़े। नतीजा बेटे के खिलाफ मामला दर्ज हुआ और पुलिस वालों ने चक्की का पट्टा तोड़ दिया। वहीं राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल कल ग्वालियर में एक रेस्टोरेंट संचालक से लड़ पड़े। उसके कर्मचारियों ने परिचय पूछ लिया तो मारपीट करने लगे। फ़ूड डिपार्टमेंट की टीम बुला ली। लेकिन यह रायसेन नहीं ग्वालियर था। राज्य मंत्री जी को थोड़ी देर में यह बात समझ में आ गई। फिर उन्होंने आधी रात को एक होटल के कमरे में रेस्टोरेंट संचालक को बुलाया और राजीनामा किया।
नरेंद्र शिवाजी पटेल कौन?
बात कुछ ऐसी है कि, विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे की शादी है। हर रोज सैकड़ो VIP ग्वालियर आ रहे हैं। वैसे भी ग्वालियर में कोई ना कोई VIP बना ही रहता है। नरेंद्र शिवाजी पटेल के स्टाफ ने सिटी सेंटर के क्वालिटी रेस्टोरेंट में खाने के लिए टेबल बुक करवाई थी। जब मंत्री जी खाना खाने के लिए रेस्टोरेंट में पहुंचे तो जिसने बुकिंग की थी उसे पीछे छोड़कर खुद रेस्टोरेंट के स्टाफ से बात करने लगे। उनकी बॉडी लैंग्वेज ग्वालियर की संस्कृति के हिसाब से आपत्तिजनक थी। रेस्टोरेंट के स्टाफ ने उनसे उनका परिचय पूछा तो मंत्री जी भड़क गए विवाद करने लगे और मारपीट पर उतर आए। ग्वालियर में स्थिति के नियंत्रण से बाहर जाने के लिए इतना काफी होता है। सुखद है कि रेस्टोरेंट के संचालक ने तत्काल मामले को संभाल लिया। केवल स्टाफ होता तो कांड हो गया होता।
मंत्री जी का उपद्रव सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुआ है
मंत्री जी के कहने पर फ़ूड डिपार्टमेंट की टीम ने क्वालिटी रेस्टोरेंट में सैंपलिंग की है। इस दौरान क्वालिटी रेस्टोरेंट अवधेश तोमर और ग्वालियर के कई व्यापारी भी आ गए। मामला बढ़ता चला गया। क्वालिटी रेस्टोरेंट के संचालक के पास सीसीटीवी फुटेज है। मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और उनका पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर लड़ाई झगड़ा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। तनाव जब बढ़ गया और थोड़ी देर बाद मंत्री जी को समझ में आया कि वह ग्वालियर में है तो उन्होंने आधी रात को एक होटल में रेस्टोरेंट संचालक को बुलाकर राजीनामा की बातचीत की। करीब आधे घंटे तक कमरा बंद करके बातचीत चलती रही। इसके बाद रेस्टोरेंट के संचालक में मंत्री जी के खिलाफ FIR दर्ज करवाने से इनकार कर दिया। इधर राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का कहना है कि वह निरीक्षण के लिए गए थे। यह एक नियमित सैंपलिंग की प्रक्रिया है और टेस्टिंग के दौरान क्वालिटी रेस्टोरेंट का फूड ऑयल टेस्ट फेल हो गया है। इसलिए क्वालिटी रेस्टोरेंट के संचालक के खिलाफ नियम के अनुसार कार्रवाई होगी। इसके बाद रेस्टोरेंट संचालक के वकील अवधेश तोमर ने कहा कि यदि पुलिस ने मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया तो हम ग्वालियर कोर्ट में इश्तगासा दाखिल करेंगे।
बाद में पता चला है कि, लोकेंद्र और बुंदेला नाम के दो फूड सेफ्टी ऑफीसरों ने राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के लिए टेबल बुक कराई थी। एक ने मंत्री जी का नाम बताया था दूसरे ने पद बताया था। इसलिए रेस्टोरेंट की स्थापना उनसे परिचयपूछ लिया।
इतनी सी बात पर स्कूल बंद करवा दिया
याद रहे कि मंत्री शिवाजी पटेल अपनी तुनकमिजाजी और पद का दुरुपयोग करने के लिए अक्सर हेडलाइंस में रहते हैं। रायसेन में एक प्राइवेट स्कूल की मान्यता इसलिए रद्द करवा दी थी क्योंकि उसने अपने इनविटेशन कार्ड पर सांसद का नाम ऊपर और विधायक का नाम नीचे लिख दिया था। हालांकि सांसद भी भाजपा से ही है परंतु मंत्री जी को यह बात पसंद नहीं आई क्योंकि वह राज्य मंत्री है। स्कूल संचालक के हिसाब से नरेंद्र शिवाजी पटेल उनके विधायक हैं। लेकिन नरेंद्र शिवाजी पटेल के हिसाब से अब वह राज्य मंत्री हैं।
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