पीथमपुर की पॉलिटिक्स के कारण INDORE सहित मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के कई शहरों को खतरा

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड के कबाड़ और कचरे को लेकर पीथमपुर और इंदौर में जो जहरीली पॉलिटिक्स की जा रही है। वह इंदौर सहित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई शहरों के लिए खतरा हो सकती है। दरअसल एक रात पहले, पीथमपुर में ब्रेनवाश हुए कुछ लोग Ramky Enviro Engineers Ltd की यूनिट की तरफ आगे बढ़ रहे थे। इस बार तो पुलिस, उन्हें रोकने में सफल हो गई लेकिन यदि उपद्रव बढ़ा, और रामकी इंजीनियर फैक्ट्री को नुकसान पहुंच गया तो इंदौर सहित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई शहर खतरे में आ जाएंगे। 

पीथमपुर में 30 साल से केमिकल फैक्ट्री का कचरा जलाया जा रहा है

बात यह है कि, सन 1994 में स्थापित हुई Ramky Enviro Engineers Ltd, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य की एकमात्र अधिकृत फैसिलिटी है जहां पर केमिकल इंडस्ट्री का कचरा नष्ट किया जाता है। पिछले 30 साल में इस फैसिलिटी में, केमिकल फैक्ट्री का हजारों क्विंटल कचरा जलाया जा चुका है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य में मिलाकर 150 से ज्यादा केमिकल फैक्ट्री है, जिनका कचरा पीथमपुर में लाकर नष्ट किया जाता है। अकेले इंदौर की 20 से ज्यादा केमिकल फैक्ट्री का कचरा पीथमपुर की इसी फैसिलिटी में जलाया जाता है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के पास इसका कोई विकल्प ही नहीं है। यदि भड़की हुई भीड़ ने Ramky Enviro फैसिलिटी को नुकसान पहुंचा दिया तो इंदौर, भोपाल, रायपुर, बिलासपुर और मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की 150 केमिकल फैक्ट्रियों का कचरा कहां जाएगा और कितना नुकसान करेगा, कोई अंदाजा भी नहीं लग सकता। यह उपद्रव किसी नए गैसकांड का कारण हो सकता है।  

यूनियन कार्बाइड से ज्यादा खतरनाक कचरा तो इंदौर से निकलता है

प्रख्यात पर्यावरणविद् Subhash C Pandey ने भोपाल समाचार डॉट कॉम को बताया कि, सन 2015 में सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में जिस प्रक्रिया को मंजूर किया गया। हाई कोर्ट के आदेश पर जिस प्रक्रिया को संचालित किया जा रहा है। पीथमपुर में कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया जा रहा उपद्रव, पर्यावरण के खिलाफ एक गंभीर अपराध है। लोगों को क्या लगता है कि, कोई नेता या पत्रकार, वैज्ञानिकों से ज्यादा समझदार है। क्या कोई नेता या पत्रकार, सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा उनकी चिंता कर सकता है। 

यूनियन कार्बाइड के कचरे में जो केमिकल हैं, उनसे कहीं ज्यादा खतरनाक केमिकल तो इंदौर में संचालित 20 फैक्ट्रियों से निकल रहे हैं। इन सभी केमिकल फैक्ट्रियों का कचरा पीथमपुर में ही जलाया जा रहा है। यह सब कुछ सालों से हो रहा है। इससे किसी को कोई परेशानी नहीं है, लेकिन यूनियन कार्बाइड के कचरे से परेशानी है। डॉक्टर पांडे कहते हैं कि इसके पीछे, पर्यावरण और नागरिकों की चिंता नहीं है बल्कि 126 करोड़ के टेंडर की चिंता है।
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