MP NEWS - चुनाव के हिसाब से नहीं, डिमांड के हिसाब से खाद भेजी जा रही है, कृषि मंत्री का स्पष्टीकरण

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री श्री ऐदल सिंह कंसाना ने कहा कि, दैनिक भास्कर समाचार पत्र में दिनांक 26 अक्टूबर 2024 में प्रकाशित ख़बर भ्रामक है। उक्त समाचार पत्र में प्रकाशित ख़बर “उपचुनाव जहाँ खाद सिर्फ़ वहाँ” की वास्तविक स्थिति इस प्रकार है- राज्य में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है और किसानों को आवश्यक मात्रा में उर्वरक मिल रहा है। दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित खबर में कहा गया है कि राज्य में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। लेकिन उन्होंने गलत दावा किया है कि डीएपी को चुनाव वाले इलाकों में भेजा जा रहा है और अन्य जिलों में बहुत कम डीएपी उपलब्ध कराया जा रहा है। किसानों की जरूरत के हिसाब से जिलों को खाद दी जा रही है, चुनाव के आधार पर नहीं। 

कितने जिलों में सीहोर और श्योपुर से ज्यादा डीएपी भेजी गई है

किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री (मध्यप्रदेश शासन) श्री ऐदल सिंह कंसाना ने कहा कि, यह कहना भी गलत है कि डीएपी ही एकमात्र उर्वरक है जिसे किसान पसंद करते हैं। परंपरागत रूप से उज्जैन, झाबुआ, रतलाम, इंदौर, देवास, धार, शाजापुर आदि जिलों में किसान डीएपी की तुलना में एनपीके को अधिक पसंद करते हैं। इन जिलों में हर साल डीएपी की तुलना में एनपीके की अधिक बिक्री होती है। अतः यहा कहना सही नहीं है कि किसानों द्वारा NPK का उठाव नहीं किया जा रहा है। अक्टूबर 2024 में सीहोर की तुलना में नर्मदापुरम, शिवपुरी, सागर, रतलाम और उज्जैन को अधिक डीएपी उपलब्ध कराई गई है। इसी प्रकार अक्टूबर 2024 में श्योपुर जिले की तुलना में नर्मदापुरम, शिवपुरी, सागर, रतलाम, उज्जैन, राजगढ़, मुरैना, ग्वालियर, सतना को अधिक डीएपी उपलब्ध कराई गई है। 

मध्य प्रदेश में खाद यूरिया का कितना स्टॉक है

कृषि मंत्री ने कहा कि, अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य के कारण पिछले महीने तक डीएपी की उपलब्धता में बाधाएं थीं, लेकिन भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए व्यावहारिक उपायों के कारण हमने एनपीके की मात्रा बढ़ाकर यह सुनिश्चित किया है कि किसानों के पास पर्याप्त उर्वरक प्राप्‍त हों, जिसे किसान स्वेच्छा से ले रहे हैं। इसके अलावा इस महीने डीएपी की आपूर्ति भी बढ़ गई है। प्रदेश में प्रतिदिन 5 रैक यूरिया, 2 रैक डीएपी एवं 2 रैक एनपीके की आ रही है। विगत वर्ष अक्टूबर 2023 में डीएपी + एनपीके 1.89 लाख मेट्रिक टन प्राप्त हुआ था, इस वर्ष माह अक्टूबर में अभी तक लगभग 2.70 लाख मीट्रिक टन प्राप्त हो गया है। प्रदेश में यूरिया 5.20 लाख मीट्रिक टन, डीएपी + एनपीके का लगभग 2.80 लाख मीट्रिक टन स्टाक उपलब्ध है। 

एक्स्ट्रा काउंटर भी लगा रहे हैं

कृषि मंत्री ने कहा कि, प्रदेश के सभी ज़िलों में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है। माँग अनुसार उर्वरक प्रदाय किया जा रहा है। अतः यह कहना कि प्रदेश में खाद की कमी है, सही नहीं है। कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि किसानों को आवश्यक उर्वरक मिलें और किसानों को बिना किसी परेशानी के वितरण किया जाए। उन्हें निर्देश दिया गया है कि जहां भी आवश्यक हो, अतिरिक्त काउंटर या नए नकद बिक्री केंद्र खोलें। 

उन्होंने कहा कि केन्द्र में आदरणीय मोदी जी की एवं प्रदेश में डॉ. मोहन यादव जी की सरकार होने से प्रदेश में  निरन्तर उर्वरक प्राप्त हो रहा है, अतः यह कहना सही नहीं है कि प्रदेश में उर्वरक की कमी है। 

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