UPS - नवीन शिक्षण संवर्ग को यूनीफाइड पेंशन स्कीम पाने के लिए वरिष्ठता बहुत जरूरी: डीके सिंगौर

केन्द्र सरकार ने केबिनेट में अपने कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है और यह योजना सबसे पहले मध्य प्रदेश में लागू होगी। एक ओर कर्मचारियों ने UPS को NPS से बेहतर विकल्प मानते हुए स्वागत किया है, वहीं दूसरी ओर OPS लागू नहीं होने से नाराज़गी व्यक्त करते हुए हू-ब-हू OPS मिलने तक आन्दोलन जारी रखने की मंशा जाहिर की है। 

कर्मचारियों को न्यूनतम ₹10000+DA पेंशन मिलना तय

ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष डी के सिंगौर ने बताया कि विगत दिनों नवीन शिक्षण संवर्ग से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एनपीएस योजना के अंतर्गत 500 - 2000 रुपए पेंशन मिल रही थी, वहीं अब UPS लागू होने से ऐसे कर्मचारियों को न्यूनतम ₹10000+DA पेंशन मिलना तय है। तथा नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता मिलने पर 25 वर्ष की सर्विस पर पूर्ण पेंशन के अनुपात में सेवाकाल की गणना से न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी हो सकेगी। 

UPS में महंगाई भत्ता, महंगाई राहत बढ़ेगा या नहीं

यूनिफाइड पेंशन स्कीम में समय-समय पर देय मंहगाई भत्ते के बारे में अभी स्पष्ट उल्लेख नहीं है, जिससे कर्मचारियों में ज्यादा उत्साह देखने को नहीं मिल रहा और कर्मचारी संगठन यूपीएस के धरातल पर उतरने के पहले उसमें समय-समय पर देय मंहगाई भत्ता आदि संसोधन जुड़वाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करेंगे। बिना मंहगाई भत्ता जुड़े इस पेंशन योजना का कोई औचित्य नहीं होगा। कर्मचारी अपने और आने वाली युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए सुरक्षित पेंशन योजना हेतु लगातार प्रयास करते रहेंगे। 

ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन का योगदान

ज्ञात होवे कि देश भर में एनएमओपीएस वर्षों से पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष करता आ रहा है। वही मध्यप्रदेश में ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने 2019 में पेंशन अधिकार यात्रा निकालकर पुरानी पेंशन की मांग को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। साथ ही आम नागरिकों के घरों तक  एनपीएस की खामियों को स्टीकर अभियान, वार्षिक कलेंडर, धरना-प्रदर्शन, रैली, रथयात्रा के माध्यम से को उजागर करते हुए पुरानी पेंशन की अनिवार्यता को सैद्धांतिक रूप से जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया। वहीं एनएमओपीएस के प्रांताध्यक्ष परमानन्द डेहरिया के नेतृत्व में ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने प्रदेश भर के महासम्मेलनों में अपनी सक्रिय सहभागिता निभाई।  

वोट फॉर ओपीएस का नारा बुलंद करने वाले एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पेंशन पुरुष विजय कुमार बंधु ने अपनी कुशल राजनीतिक रणनीति से दबाव बनाते हुए केन्द्र सरकार को पुरानी पेंशन के विकल्प तलाशने के लिए मजबूर कर दिया और आखिरकार लोकसभा चुनाव के परिणामस्वरूप तथा चार राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर सरकार को यूपीएस लागू करने के लिए बाध्य होना पड़ा। 

UPS - यूनिफाइड पेंशन स्कीम के मुख्य बिंदु :-

समानता :- नई योजना के तहत सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों के कर्मचारियों को एक समान पेंशन सुविधा मिलेगी।
गारंटी :- यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी लाभार्थियों को एक न्यूनतम पेंशन राशि प्राप्त हो, जिससे उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
वित्तीय स्थिरता :- योजना का लक्ष्य आर्थिक रूप से मजबूत और स्थिर पेंशन प्रणाली को लागू करना है, जिससे वित्तीय अस्थिरता का जोखिम कम हो।

सरकारी अंशदान में बढ़ोतरी :-

एनपीएस में कर्मचारियों के वेतन से 10%  और सरकार द्वारा 14% अंशदान कटोती कर निजी कंपनी के माध्यम से शेयर मार्केट में इंवेस्ट किया जाता है और कर्मचारी के सेवानिवृत्ति पर जमा राशि का 60% कर्मचारी को एकमुश्त भुगतान कर 40% राशि से एनयूटीबांड के माध्यम से शेयर मार्केट में इंवेस्ट किया जाता है। जिससे कर्मचारियों को एक निश्चित राशि उम्रभर पेंशन के रूप में मिलती है जो बहुत कम होती है। लेकिन अब यूपीएस में सरकारी अंशदान को 14% से बढ़ाकर 18.5% किया जा रहा है‌। सेवानिवृति पर कर्मचारियों को होने वाले भुगतान आदि की विस्तृत जानकारी का अभी खुलासा नहीं किया गया है। कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस दोनों विकल्प में से एक विकल्प चुनने का अधिकार होगा। 

इस नई योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों दोनों को पेंशन लाभ प्रदान करना है। इस स्कीम के तहत, पुरानी और नई पेंशन योजनाओं के बीच के अंतर को खत्म करने की कोशिश की गई है, ताकि सभी पेंशनभोगियों को एक समान लाभ मिल सके। 

इस योजना को लेकर सरकार और कर्मचारियों के बीच कुछ प्रमुख मुद्दों पर सहमति बन चुकी है, जिससे इस योजना को जल्द ही लागू किया जा सकेगा। यह स्कीम पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ा सुधार मानी जा रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो वर्तमान पेंशन प्रणाली से असंतुष्ट थे। ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन  प्रवक्ता संजीव सोनी ने बताया कि एसोसिएशन अन्य संगठनों के सहयोग से जनप्रतिनिधियों के माध्यम से नवीन शैक्षणिक संवर्ग के शिक्षकों के पेंशन व ग्रेच्युटी के लिए  प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि मान्य करने के लिए प्रयास करेगा और क्रमशः अपनी मांग को प्रभावी ढंग से सरकार के सामने रखेगा। 

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