Space Science - ब्लैक होल के बारे में चौंकाने वाली जानकारी पढ़िए, Nanjing University की रिसर्च रिपोर्ट

Bhopal Samachar
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ब्लैक होल के बारे में एक नई जानकारी मिली है। अंतरिक्ष के अध्ययन में पाया गया है कि, एक बड़ा ब्लैक होल अपने आसपास की ठंडी गैस को गर्म कर सकता है। इसके कारण नए तारों की बनने की प्रक्रिया रुक जाती है। इस अध्ययन के कारण स्पष्ट हो पाया है कि, कुछ आकाशगंगा क्यों खत्म हो जाती हैं और कुछ गैलेक्सी क्यों लगातार बढ़ती रहती हैं। यह अध्ययन चीन और फ्रांस के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किया गया। इसमें अंतरिक्ष के एक नए रहस्य का पता चला है। 

अंतरिक्ष में तारे भी कुपोषण का शिकार होते हैं

इस स्टडी के निष्कर्ष में बताया गया है कि, ब्लैक होल के mass और cold gas बीच में डायरेक्ट कनेक्शन है। जो तारों के निर्माण की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। Nanjing University के प्रमुख शोधकर्ता Wang Tao का कहना है कि, ब्लैक होल जितना बड़ा होता है, उसके आसपास उतनी ही अधिक मात्रा में ठंडी गैस खत्म होती चली जाती है। इसके कारण तारों के बनने की प्रक्रिया रुक जाती है। Université Paris-Saclay के शोधकर्ता David Elbaz ने बताया कि इसे बड़े ही सरल तरीके से समझा जा सकता है। यदि आप एक जल्दी हुई मोमबत्ती के ऊपर कांच के गिलास को उल्टा करके रख देंगे, तो कुछ ही देर में मोमबत्ती बुझ जाएगी। क्योंकि मोमबत्ती के जलने के लिए ठंडी गैस का होना जरूरी है, जबकि ग्लास के उल्टा रख दिए जाने के कारण उसके अंदर गम गैस की मात्रा बढ़ जाती है, जो मोमबत्ती की अग्नि खत्म कर देती है। 

वैज्ञानिकों ने इससे पहले भी supermassive black hole के mass और galaxies में stars की mass के बीच संबंध की पहचान कर ली थी लेकिन आज से पहले तारों के बनने और उनके विकास की प्रक्रिया के रुक जाने के पीछे कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं था। तारों के बनने की प्रक्रिया में Atomic Hydrogen सबसे महत्वपूर्ण होता है और ताजा स्टडी में इसी पर फोकस किया गया। निष्कर्ष के रूप में पता चला है कि, तारों के विकास के लिए कोल्ड गैस की उपलब्धता जरूरी है और इसका सबसे महत्वपूर्ण कारक black hole mass है। 

हालांकि अभी भी अंतरिक्ष में कई galaxies एक्टिव ब्लैक होल होने के बावजूद तारों के निर्माण की प्रक्रिया को निरंतर बनाने में सफल है। 

इस अध्ययन के लिए, China के FAST radio telescope और दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में आने वाले Square Kilometre Array के आंकड़ों का प्रयोग किया गया। अब इस स्टडी के निष्कर्ष को प्रमाणित करने के लिए और अधिक परीक्षण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। 

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