अब तक माना जाता था कि, जब तक पृथ्वी का अस्तित्व रहेगा तब तक पृथ्वी पर मनुष्यों का अस्तित्व रहेगा, लेकिन The University of Wisconsin-Madison, United States की ताजा रिसर्च के बाद स्पष्ट हुआ है कि जब चंद्रमा, पृथ्वी से 7600 किलोमीटर दूर चला जाएगा और दिन 25 घंटे का हो जाएगा। तब शायद पृथ्वी पर मनुष्यों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
चंद्रमा के बारे में ताजा रिसर्च से क्या पता चला है
The University of Wisconsin-Madison, United States की ताजा रिसर्च में पता चला है कि चंद्रमा हर साल पृथ्वी से 3.8 सेंटीमीटर दूर होता जा रहा है। यदि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच दूरी बिल्कुल इसी प्रकार बढ़ती चली गई तो 200 मिलियन साल बाद चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी में 7600 किलोमीटर की वृद्धि हो जाएगी और पृथ्वी पर 24 घंटे में पूरा होने वाला दिन 25 घंटे का हो जाएगा। फ़िलहाल पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी 384,400 किलोमीटर है। 200 मिलियन साल बाद यह दूरी 384,400 किलोमीटर हो जाएगी। चलिए जानते हैं कि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच में दूरी बढ़ने से पृथ्वी पर क्या असर पड़ेगा।
चंद्रमा और पृथ्वी के दूर हो जाने से क्या फर्क पड़ेगा
bhopalsamachar.com के अध्ययन के अनुसार, 200 मिलियन साल पहले पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी 376,800 किलोमीटर थी। तब पृथ्वी पर 1 दिन 23.14 घंटे का हुआ करता था। उस समय पृथ्वी पर मानवों का कोई अस्तित्व ही नहीं था। डायनासोर उस समय में पृथ्वी के सबसे शक्तिशाली जीव हुआ करते थे। इसलिए उस कल को "डायनासोर युग" कहा जाता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि जब एक दिन में 25 घंटे की अवधि हो जाएगी, तब ब्रह्मांड में पृथ्वी तो रहेगी परंतु पृथ्वी पर मनुष्य नहीं रहेंगे।
ऐसा क्यों होगा, पृथ्वी पर मनुष्य प्रजाति नष्ट क्यों हो जाएगी
माना जाता है कि 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी अस्तित्व में आई थी। लगभग 3.5 अरब साल पहले पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत हुई। जबकि मनुष्य का अस्तित्व सिर्फ 3 लाख साल पुराना है। इससे पहले मनुष्य पृथ्वी पर नहीं थे। करीब 11 लाख साल पहले पृथ्वी पर दिन की अवधि 24 घंटे हो गई थी। यानी 3 लाख साल पहले जब पृथ्वी पर मनुष्य अस्तित्व में आए तब दिन की अवधि 24 घंटे ही थी। इस आधार पर कहा जा सकता है कि जब 23 घंटे की अवधि वाले दिन में मनुष्य का अस्तित्व नहीं था तो 25 घंटे की अवधि वाले दिन में भी मनुष्य का अस्तित्व नहीं होगा।
मनुष्य बुद्धिमान प्राणी है क्या वह बच नहीं पाएगा
पिछले 4.5 अरब साल में पृथ्वी पर कई प्राणी हुए और फिर उनकी पूरी प्रजाति ही विलुप्त हो गई। पंखों वाले डायनासोर अपना अस्तित्व बचाने में कामयाब तो हो गए परंतु मुर्गा बन गए। पहले जिस डायनासोर के गुस्से से पूरी दुनिया डरती थी। आज उसे दुनिया भर में काट कर (चिकन) खा लिया जाता है। मनुष्य की सबसे बड़ी समस्या आई है कि मनुष्य स्वयं को बुद्धिमान मानता है। मनुष्य मशीनों पर डिपेंड हो गया है। यदि मशीन काम करना बंद कर दे तो अगले 7 दिनों में पृथ्वी पर मनुष्य की आबादी कम हो जाएगी। ऐसी स्थिति में कल्पना करना मुश्किल है कि क्या मनुष्य कोई ऐसी मशीन बन पाएगा, जिसमें वह अगले 4.5 अरब साल तक जीवित रह सके।
चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी बढ़ जाने से पृथ्वी पर क्या परिवर्तन होगा, पढ़िए
- पृथ्वी अपनी धुरी पर एक अक्ष और झुक जाएगी। इसके कारण पृथ्वी के भीतर बहुत कुछ बदल जाएगा।
- पृथ्वी पर जो समुद्र है उसमें ज्वार-भाटा चंद्रमा के कारण ही आता है। आम नागरिक नहीं जानते परंतु समुद्र में ज्वार भाटा के कारण ही पृथ्वी पर जीवन है। चंद्रमा के दूर चले जाने से पृथ्वी के समुद्र में ज्वार-भाटा का संतुलन बिगड़ जाएगा। इसके कारण ऑक्सीजन लेवल बदल जाएगा। मौसम और मानसून बदल जाएगा।
- पृथ्वी पर भूकंप, सुनामी और ज्वालामुखी विस्फोट की घटना है बढ़ सकती हैं।
- अंतरिक्ष में सुपरनोवा विस्फोट हो सकता है। जिसके कारण पृथ्वी पर पूरी सभ्यता ही समाप्त हो सकती है।
- पृथ्वी से उल्का पिंडों के टकराने की संख्या बढ़ सकती है। ✒ उपदेश अवस्थी। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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