मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती - आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए हाईकोर्ट द्वारा DPI कमिश्नर को नोटिस

मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं ट्राइबल डिपार्टमेंट द्वारा संचालित स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा में नोडल एजेंसी लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के आयुक्त पर आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगा है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने DPI कमिश्नर को नोटिस जारी करके 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है। 

मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती के 60 से ज्यादा उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की है

आरक्षित वर्ग के लगभग पांच दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों द्वारा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर की डिवीजन बैच  में आधा दर्जन से अधिक याचिकाए दायर करके ट्रायबल तथा स्कूल शिक्षा विभागों में की गई प्राथमिक शिक्षक की नियुक्तियों को चुनौती दीं गई है। याचिकाकर्ताओ को उनके आरक्षित वर्ग से अनारक्षित वर्ग में परिवर्तित  करके उनकी ट्रायबल वेलफेयर विभाग द्वारा संचालित 20 जिलों की शालाओ में पदस्थापना की गई है, जबकि उक्त याचिकाकर्ताओ ने ट्रायबल डिपार्मेंट के एक भी स्कूल में चॉइस नहीं भरी गई थी। 

मेरिट वालों को ट्रैवल डिपार्टमेंट में पोस्टिंग क्यों दी

वही दूसरी ओर याचिकाकर्ताओ से कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को याचिकाकर्ताओ द्वारा चॉइस किए स्कूलों में मनमाने तरीके से पोस्टिंग दे दीं गई है। उक्त समस्त याचिका की सुनवाई दिनांक 7/8/24 को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ द्वारा की गई। याचिकाकर्ताओ की ओर से  पैरवी कर रहे अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि लोक शिक्षण संचनालय के कमिश्नर द्वारा संवैधानिक तथा आरक्षण नियमों को ताक पर रख कर नियुक्ति आदेश जारी करने हेतु प्रदेश के समस्त जिला  शिक्षा अधिकारियो तथा सहायक आयुक्तों के हस्ताक्षर से दिनांक 30/3/2023 से 14/8/2024 तक जारी से जारी कराए गए। कमिश्नर, लोक शिक्षण द्वारा लगभग 2500 से अधिक आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान् अभ्यर्थियों  को उनकी चॉइस फिलिंग ऑप्शन को नजर अंदाज किया जाकर उनसे कम अंक प्राप्त अभ्यर्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थापना दे दीं गई। 

हाई कोर्ट ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट को रेखांकित किया

सुनवाई के दौरान डिवीजन बैच ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को रेखांकित करते हुए अंतरिम आदेश जारी कर कमिश्नर डीपीआई से जबाब तलब किया गया है। याचिकाकर्ताओ में हरिओम यादव, ऋचा ताम्रकार, मोहनी डुमे, सौरभ सिंह ठाकुर, अमन दुबे, रोहित चौधरी, हलके भाई लोधी की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, रामभजन लोधी, पुष्पेंद्र कुमार शाह ने की। 

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