वोकेशनल ट्रेनर्स बनाम DPI BHOPAL मामले में हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश का डिसीजन पढ़िए

वोकेशनल ट्रेनर्स बनाम लोक शिक्षण संचालनालय, मध्य प्रदेश भोपाल मामले में हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश द्वारा डिसीजन सुना दिया गया है। हाई कोर्ट का डिसीजन वोकेशनल ट्रेनर्स के फेवर में गया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि, पहले से कम कर रहे हो वोकेशनल ट्रेडर्स की सेवा समाप्त नहीं की जा सकती है। उनके स्थान पर किसी दूसरे ट्रेनर की नियुक्ति नहीं की जा सकती। शासन ने जो एफिडेविट दिया है उसका पालन करना होगा। यदि अधिक योग्य व्यवसायिक शिक्षकों की जरूरत है तो नवीन पदों का सृजन करें। 

वोकेशनल ट्रेनर्स जिन्होंने DPI BHOPAL के डीसीएम को हाई कोर्ट में चैलेंज किया था

वोकेशनल ट्रेनर्स , श्री प्रेम सिंह गुंडिया, अराधना सिंह,  वीरेंद्र यादव, प्रवीण मिश्र, शिखा त्रिपाठी, सुरेश राठौड़, भंवर लाल नागर,मुकेश शर्मा,पवन गुणवान,भोजराज मालवीय, अमित श्रीवास्तव, वरुण गौतम, अनिल तिवारी, आशुतोष शुक्ला,    अनिकेत कतरे, विजय पटेल अर्चना पटेल ,जय श्री पटेल विजयश्री पटेल, सुरेखा सिंह ,दुर्गा सिंह ,संजय कुमार अकबर , पटेल संजय कुमार पटेल, राजकुमार खींची ,प्रशांत शर्मा, अखिलेश कुमार ,साधना बिहारी ,रवि जगदीश पाटीदार, धर्मेंद्र, सोनाली बघेल, रजत कुशवाहा, देवेंद्र कुमार, मांझी ,रोहित पाठक, प्रज्ञा विषय विनीत कुमार ,जितेंद्र यादव, भारत भूषण ,ज्योति ,राहुल मालवीय पुरुषोत्तम कुशवाहा ,अमरेश सिंह रितेश ,योगेंद्र सिंह, दुर्गा प्रसाद विवेक कुमार जैन, राजेश, कुशवाहा, लोचन प्रसाद, शुभम श्रीवास्तव, नेहा रिचार्य ,प्रिया पाटीदार ,कुलदीप शर्मा, नीलू, राहुल बघेल, मंजुला बघेल, प्रतीक राघवेंद्र नेहा राजेश जाट ,फरहान, प्राची श्रीवास्तव, शबाना कुरैशी, विकास   कोरी ,प्रतिभा धाकड़, रितु मिश्रा ,रूप सेन, नरेंद्र कुमार , नेहा गोस्वामी, शुभम साहू ,धर्मेंद्र सोंधिया ,योगेश कुमार ,संजय तिवारी जितेंद्र चौहान ,पुरुषोत्तम लाल साहू, प्रतीक्षा शुक्ला ,अनिल पाटीदार, दिनेश पाटीदार, राखी पटेल ,आकाश तिवारी ,वीरेंद्र खींची ,प्रकाश दुबे ,रवि सोंधिया उमा ,समान द्विवेदी ,  अर्पित शर्मा श्रद्धा मिश्रा, प्रियंका शर्मा मंगल परमार ,हेमंत कुमार ,श्वेता श्रीवास्तव ,प्रकाश देशमुख ,दीक्षा चोटनी ,शिखा सिंह ,संगीता पटेल निशा पटेल ,अंजू अवड़िया मंजू अवधिया, मनोज रंग डाले, मोना उपासनी ,अरविंद कुमार तिवारी मधु सिंह, सोनम तिवारी, वीरेंद्र यादव, नीरज साहू ,सरिता पटेल , , विक्रांत सिंह, राव दीपेंद्र कुमार  अंजना सिंह  ,कार्तिक पटेल , राजीव कुमार त्रिपाठी evm अन्य लगभग 1000 वोकेशनल ट्रेनर्स द्वारा, आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा आदेश एवम विज्ञापन दिनांक 02/07/24 को हाई कोर्ट जबलपुर में चुनौती दी गई थी। 

याचिकाकर्ताओं के वकील अमित चतुर्वेदी की दलील

याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरोकार उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया कि, समग्र शिक्षा अभियान लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा, दिनांक 02/07/24 को नवीन व्यवसायिक शिक्षा के क्रियान्वयन हेतु, पूर्व से कार्यरत वोकेशनल ट्रेनिंग पार्टनर्स के अनुबंध समाप्ति के बाद, नवीन पार्टनर्स को वर्क ऑर्डर देकर, नवीन वोकेशनल ट्रेनर्स की नियुक्ति कर, स्कूल्स में उपस्थित करवाने हेतु निर्देश जारी किए गए थे। आदेश दिनांक 02/7/24 एवम व्यवसायिक शिक्षकों के कुछ ट्रेड्स में नियुक्ति हेतु, परिवर्तित अर्हता के कारण एवम आउटसोर्सिंग कंपनी के विधि विरुद्ध चयन प्रक्रिया के कारण, कई वर्षों से कार्यरत, वोकेशनल ट्रेनर्स की नियुक्तियां समाप्त कर, उनके स्थान पर, नवीन नियुक्तियां की जा रही थी। 

अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने हाई कोर्ट जबलपुर की एकल पीठ को, बहस के दौरान, बताया कि, वर्ष 2021 एवम 2022 में समग्र शिक्षा अभियान द्वारा, इसी प्रकार के आदेश जारी कर, पुराने व्यवसायिक शिक्षकों के स्थान पर, नवीन नियुक्तियां करने का प्रयास किया गया था। उपरोक्त आदेशों को, उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष चुनौती देते हुए कोर्ट का ध्यान, स्थापित विधि की ओर आकृष्ट करते हुए बताया गया था कि किसी भी संविदा या एडहॉक कर्मचारी को अन्य किसी संविदा या एडहॉक कर्मचारी से प्रतिस्थापित नही किया जा सकता है, जब तक की नियमित नियुक्ति नहीं की जावे। 

एकल पीठ हाई कोर्ट जबलपुर को बताया गया कि लंबी चली सुनवाई के बाद, समग्र शिक्षा अभियान की दलीलें कोर्ट द्वारा,  अस्वीकार होने के बाद, शासन द्वारा, चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली, हाई कोर्ट जबलपुर की युगल पीठ के समक्ष, एफिडेविट दायर कर, कहा गया था की पूर्व से कई वर्षो कार्यरत से, वोकेशनल ट्रेनर्स के डॉक्युमेंट्स का सिर्फ वेरिफिकेशन किया जावेगा। वॉकेशनल ट्रेनर्स को किसी प्रकार की चयन परीक्षा में शामिल नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने एफिडेविट के आधार पर, याचिका का निराकरण करते हुए, आदेश जारी किया गया था कि, शासन को, वोकेशनल ट्रेनर्स के डॉक्युमेंट्स के वेरिफिकेशन की अनुमति दी जा रही है। इसके पश्चात् भविष्य में शासन को न ही डॉक्युमेंट्स के वेरिफिकेशन की अनुमति होगी न ही पुराने वोकेशनल ट्रेनर्स को किसी परीक्षा या चयन प्रक्रिया में शामिल होना होगा।

नियुक्ति हेतु, योग्यता परिवर्तन के प्रश्न पर, कोर्ट को बताया गया कि, आयुक्त कार्यालय द्वारा वोकेशनल ट्रेनर्स की योग्यता परिवर्तन पूर्ण से अधिकारिता से बाहर है। कोर्ट को बताया गया की पंडित सुंदर लाल शर्मा, केंद्रीय व्यवसायिक शिक्षा संस्थान, जो कि एनसीईआरटी का एक घटक है, जो वोकेशनल ट्रेनर्स की नियुक्ति हेतु, योग्यता अभिनिश्चित करता है। पूर्व में उपरोक्त संस्थान द्वारा द्वारा निर्धारित अहर्ता के आधार पर, वोकेशनल ट्रेनिंग की नियुक्तियां हुई थीं। आदेश दिनांक 02/7/24 द्वारा कुछ ट्रेड्स में नियुक्तियां हेतु, अहर्ता परिवर्तन, पंडित सुंदर लाल शर्मा, केंद्रीय व्यवसायिक शिक्षा संस्थान, द्वारा निर्धारित योग्यता के विपरीत है। कोर्ट में विस्तृत बहस के बाद कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। 

व्यावसायिक शिक्षण मामले में हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश का डिसीजन

अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी जबलपुर उच्च न्यायालय के अनुसार, एकल पीठ ने फाइनल आदेश जारी करते करते हुए शासन को निर्देश दिया है कि, शासन द्वारा, हाई कोर्ट की युगल पीठ के समक्ष दिए गए, हलफनामा के अनुसार, पुराने वोकेशनल ट्रेनर्स को सेवा से पृथक नही किया जा सकता है। दूसरी ओर से, किन्ही ट्रेड्स में यदि उच्च अहर्ता प्राप्त, वोकेशनल ट्रेनर्स की नियुक्ति की जाना जरूरी है। उसके लिए नवीन पदों का सृजन किया जाए, वहां उन्हें नियुक्त किया जावे। परंतु, पुराने वोकेशनल ट्रेनर्स को सेवा से पृथक नही किया जायेगा। 

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