एनीमिया की जाँच को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है कि रक्ताल्पता या एनीमिया की सही समय पर जांच न हो तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। गर्भावस्था में तो एनीमिया के कारण गर्भवती महिला की जान को खतरा भी हो सकता है इसलिए सही समय पर खून की जांच करायें और उसका उपचार करायें। गर्भवती माताएं अपनी हीमोग्लोबिन जांच के साथ-साथ खान-पान का विशेष ध्यान रखें।
एनीमिया से बचाव के लिए एडवाइजरी
स्वास्थ विभाग ने गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने पर महिलाओं को विशेष सावधानी बरतें। यदि किसी महिला में खून की कमी है तो उसे आयरन की गोली दी जाती है। गर्भवती महिला को समय से भोजन करना चाहिए और साथ में फल, हरी सब्जियां, दालें व पोषक तत्व युक्त आहार लेना जरूरी है, जिससे रक्त की कमी न हो और स्वास्थ्य अच्छा बना रहे। एनीमिया की पहचान हीमोग्लोबिन लेवल जांच करने के बाद की जाती है।
हीमोग्लोबिन लेबल 12 ग्राम से ज्यादा है तो एनीमिया नहीं माना जाता। 7 से 10 ग्राम है तो उसे मॉडरेट एनीमिया कहते हैं जिसे खान-पान और आयरन की गोली द्वारा ठीक किया जा सकता है। 7 ग्राम से नीचे उसे सीवियर एनीमिया माना जाता है, जिसकी जांच कर उपचार कराना आवश्यक है। जांच सभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र में निःशुल्क की जाती है।
विनम्र अनुरोध🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। भोपाल के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें।