Madhya Pradesh Public Service Commission Indore द्वारा 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण विवाद का फायदा उठाकर 13+13=26% RESULT HOLD कर लिया गया। हाई कोर्ट ने रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया लेकिन उसका पालन भी नहीं किया। आज हाईकोर्ट ने न केवल फटकार लगाई है बल्कि MPPSC के अधिकारियों पर ₹50000 की कास्ट भी लगा दी है। इसके साथ आदेश दिया है कि दो सप्ताह के भीतर HOLD किया गया 26% RESULT जारी करें। अन्यथा हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना के अपराध में दंडित होने के लिए तैयार रहे।
हाई कोर्ट में रिजल्ट रोकने कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2019 की कुछ महिला उम्मीदवारों ने जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि मध्य प्रदेश पीएससी द्वारा 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण विवाद के नाम पर 13% RESULT HOLD कर लिया गया है। उम्मीदवारों को यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि, उनका नाम HOLD LIST अर्थात न्यायालय के निर्णय हेतु प्रतीक्षा सूची में है या नहीं। दिनांक 4 अप्रैल को माननीय उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने एमपी लोक सेवा आयोग को आदेश दिया था कि, राज्य सेवा परीक्षा 2019 का पूरा रिजल्ट जारी करें। किसी भी परीक्षा एजेंसी के पास RESULT को अनिश्चितकाल तक के लिए HOLD करने का अधिकार नहीं है और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के विवाद के संबंध में रिजल्ट को HOLD करने हेतु कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जस्टिस राममोहन सिंह और देवनारायण मिश्रा ने आज इस मामले की सुनवाई की। उन्होंने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर के उसे अधिकारी पर ₹50000 की कास्ट लगा दी, जो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने हेतु बाध्य है। इसके साथ ही आदेश दिया है कि दो सप्ताह के भीतर रोक कर रखा गया 13% रिजल्ट जारी करें।
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