यह भारत के नागरिकों के लिए गर्व का विषय और दुनिया भर के मनुष्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण समाचार है। 30 मीटर टेलीस्कोप डेवलप कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि इस टेलिस्कोप की मदद से सितारों के उस पार भी देखा जा सकेगा। चंद्रमा पर यदि कोई मामा यानी एलियन टहल रहा होगा तो उसका बिल्कुल क्लियर फोटो कलेक्ट किया जा सकेगा।
Thirty Meter Telescope (TMT) की खास बातें Important question answer
- all-sky Near Infrared (NIR) स्टार कैटलॉग बनाने में मदद मिलेगी। वर्तमान में दुनिया के किसी भी देश के पास Infrared star catalogue नहीं है।
- यह एक इंटरनेशनल प्रोजेक्ट है जिसमें भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान और कनाडा देश शामिल है।
- TMT - Thirty Meter Telescope को अगली पीढ़ी की खगोलीय वेधशाला (Astronomical Observatory) बताया गया है। इसका रिज़ॉल्यूशन काफी हाई है।
- इसके कारण ब्रह्मांड के बारे में हम मनुष्यों की जानकारी नेक्स्ट लेवल पर पहुंच जाएगी।
- TMT के लिए पसंदीदा साइट Mauna Kea, Hawaii को चुना गया है। यह दुनिया के प्रमुख खगोलीय स्थान में से एक है।
- TMT की मदद से ब्रह्मांड के बारे में बहुत सारे ऐसे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे, जो अब तक रहस्य बने हुए थे।
- TMT की मदद से डार्क मैटर और डार्क एनर्जी की प्रकृति के बारे में जान सकेंगे।
- TMT की मदद से आकाशगंगाओं के निर्माण और विकास की प्रक्रिया को ठीक प्रकार से समझ पाएंगे।
- TMT की मदद से दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी।
- TMT की मदद से यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि Big Bang के बाद पहली Galaxy का निर्माण और विकास कैसे हुआ।
- Black Holes and Galaxy के बीच संबंध का पता चल जाएगा।
- यह पता लगाया जा सकेगा की तारों के चारों ओर ग्रहों का जन्म किस प्रकार से होता है।
- दूसरे ग्रहों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी और यह भी पता चल जाएगा कि, पृथ्वी के अलावा ब्रह्मांड में कहां पर मनुष्य के लिए जीवित रहने की संभावना है।
- इसके कारण भौतिकी के नए सिद्धांतों का पता चलेगा और Gravity यानी गुरुत्वाकर्षण की चरम स्थिति का पता चल जाएगा।
- इसकी अवधारणा सन 2000 में बनी और 2014 से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होना था परंतु तब शुरू नहीं हो पाया और कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
- TMT का Spans 30 meters (98 feet) है।
- TMT प्रोजेक्ट में भारत के तीन संस्थान भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA), बेंगलुरु, इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA), पुणे, और आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (ARIES), नैनीताल शामिल है।
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