मध्य प्रदेश की कांग्रेस के पितामह श्री दिग्विजय सिंह के दिन खराब चल रहे हैं। लगातार तीसरा मुद्दा भी रिवर्स मार गया, बैकफायर कर गया। कोई बात ही नहीं थी और बतंगड़ बना दिया। जिला पंचायत भोपाल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने सारी पोल पट्टी खोल कर रख दी। एक बार फिर दिग्विजय सिंह की जानकारी और इनफॉरमेशन नेटवर्क पर सवाल उठने लगे हैं।
सबसे पहले ताजा मामला पढ़िए
शनिवार की सुबह सवेरे श्री दिग्विजय सिंह ने X पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें टीनशेड लगाकर किसी का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। श्री दिग्विजय सिंह ने बताया कि यह वीडियो ग्राम पंचायत चौपड़ा कला का है। यहां श्मशान घाट नहीं है। हमेशा की तरह उन्होंने डबल इंजन सरकार पर सवाल उठाए और फिर अपनी सांसद निधि से गांव में श्मशान घाट के लिए फंड देने की बात भी कही। थोड़ी देर बाद जिला पंचायत भोपाल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री ऋतुराज सिंह ने पत्रकारों को एक फोटो जारी किया। यह शमशान घाट का फोटो था। उन्होंने बताया कि, चौपड़ा गांव में पक्का श्मशान बना है। ग्राम पंचायत द्वारा सभी व्यवस्था की जाती है। वहीं अंतिम संस्कार किए जाते हैं।
अब सवाल उठ रहा है कि, श्री दिग्विजय सिंह जो भोपाल लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। ज्यादातर समय भोपाल में रहते हैं। हुजूर विधानसभा के एक-एक वार्ड में उनका नेटवर्क है। ऐसा कैसे हो सकता है कि उन्हें शमशान घाट की जानकारी ना हो। क्या उनके समर्थकों ने जानबूझकर शमशान घाट के बाहर बरसते में पानी में अंतिम संस्कार किया, ताकि रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव के समय आए हुए उद्योगपतियों को मिस गाइड किया जा सके।
इससे पहले क्या हुआ था
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ऑफिस में आयोजित मीटिंग में शामिल होने के लिए NSUI BHIND के जिला अध्यक्ष आए थे। चंबल का कल्चर है। ज्यादातर लोग आत्मरक्षा के लिए बंदूक लेकर चलते हैं। NSUI के जिला अध्यक्ष भी अपनी लाइसेंसी बंदूक लेकर आए थे। एक पत्रकार ने बंदूक लेकर घूमते जिला अध्यक्ष को दूर से वीडियो शूट कर लिया। X पर अपलोड कर दिया। दिग्विजय सिंह ने ना सोचा ना बेचारा और भोपाल कमिश्नर से शिकायत कर दी। पत्रकार महोदय तो एसबीआई की जिला अध्यक्ष को नहीं जानते थे, उनके लिए इस तरह से बंदूक लेकर घूमना भी नई बात थी, लेकिन श्री दिग्विजय सिंह तो सब कुछ जानते थे। वह वीडियो में अपने एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष को नहीं पहचान पाए। बेचारा कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहा है।
मामला नंबर दो
मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज मान्यता एवं संबद्धता घोटाले में तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ उनकी नरेला विधानसभा के अशोका गार्डन क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा पैदल मार्च किया गया। कांग्रेस पार्टी के विरोध प्रदर्शन को डिस्टर्ब करने के लिए मंत्री विश्वास सारंग के समर्थकों ने पुलिस थाने के भीतर बने मंदिर में सुंदरकांड के पाठ का आयोजन किया और जैसे ही कांग्रेस पार्टी के नेता पुलिस थाने के सामने पहुंचे, सारंग समर्थकों ने उपद्रव शुरू कर दिया। अचानक महिलाएं बाहर निकल आई। नारेबाजी शुरू कर दी। इस घटना से नाराज श्री दिग्विजय सिंह ने बयान दे दिया कि, यदि वह लोग पुलिस थाने में सुंदरकांड का पाठ करेंगे तो हम भी बकरीद मनाएंगे।
श्री दिग्विजय सिंह के इस बयान "हम भी बकरीद मनाएंगे" से इतना नुकसान हुआ कि, तब से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी के नेता विश्वास सारंग को छोड़कर अशोका गार्डन थाने के प्रभारी के पीछे पड़े हुए हैं। नर्सिंग घोटाला छोड़कर पुलिस थानों में बने मंदिरों के पीछे पड़ गए हैं।
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