मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में शिक्षकों को कलेक्टर के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेशित किया गया है कि वह महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों के साथ शहर की सड़कों पर निकलें और भीख मांगने वाले बच्चों को ढूंढ कर लाएं।
जिला शिक्षा अधिकारी ग्वालियर का आदेश क्रमांक 4779
जिला शिक्षा अधिकारी ग्वालियर में आदेश जारी किया है। आदेश में महिला-बाल विकास विभाग के विशेष अभियान का जिक्र किया गया है। आदेश क्रमांक 4779 में हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य और कर्मचारियों समेत 10 नाम शामिल किए गए हैं। आदेश में भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए सड़क पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास और उन्हें मुख्य धारा में लाने की बात कही गई है। यह आदेश न केवल ग्वालियर जिले में शिक्षकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए मध्य प्रदेश के सभी शिक्षकों के बीच प्रसारित किया जा रहा है।
कर्मचारी नेता और जिला शिक्षा अधिकारी के बयान
आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल का कहना है कि हाईकोर्ट ने पिछले साल आदेश दिया था कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाई जाए। फिर भी हर विभागों के काम शिक्षकों से ही कराए जा रहे हैं। उधर, ग्वालियर के डीईओ अजय कटियार ने कहा कि चार, पांच दिन पहले कलेक्टर की मौजूदगी में महिला एवं बाल विकास विभाग की ऑनलाइन मीटिंग हुई थी। इसमें सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। ऐसे बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाना और मुख्य धारा में शामिल करना इस अभियान का उद्देश्य है।
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