MP BOARD - 10वीं 12वीं परीक्षा के मूल्यांकन में भारी गड़बड़ी, 12% विद्यार्थियों ने चैलेंज किया

Bhopal Samachar
Madhya Pradesh Board of Secondary Education Bhopal द्वारा तमाम कोशिशें के बावजूद मूल्यांकन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आ रही है। 66000 विद्यार्थियों ने चैलेंज किया है। टोटल 17 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था। इनमें से 5.64 लाख विद्यार्थियों का रिजल्ट बिगड़ा और इसमें से 66000 विद्यार्थियों ने चैलेंज किया। यानी लगभग 12% विद्यार्थियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी होने का दावा किया है। 

MP BOARD - पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट कब तक आएगा

माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की ओर से बताया गया है कि 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के करीब 66 हजार विद्यार्थियों ने पुर्नमूल्यांकन के आवेदन भरे हैं। वहीं 18 हजार विद्यार्थियों ने अपनी उत्तरपुस्तिकाएं देखने के लिए मांगी है। विद्यार्थियों ने जिस क्रम में आवेदन किए हैं। उसी क्रम में उत्तरपुस्तिकाओं की जांच की जा रही है। विद्यार्थियों को आवेदन के लिए परीक्षा परिणाम घोषित होने के 15 दिन के अंदर का समय दिया गया था। अब एक माह का समय पूरा हो चुका है, इसलिए पुर्नमूल्यांकन कर सुधार किए गए अंकसूचियों को तैयार करने का कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही अंकसूचियों में सुधार कर परिणाम जारी किया जाएगा।

5.64 लाख विद्यार्थियों का रिजल्ट बिगड़ा, लगभग 12% में चैलेंज किया

मप्र 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम 24 अप्रैल को घोषित किया गया था। 10वीं में 58.10 प्रतिशत व 12वीं में में 64.49 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए। दोनों कक्षाओं में 17 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इसमें करीब 3.76 लाख विद्यार्थी फेल हुए, जबकि 1.88 लाख को पूरक मिला है। कम अंक मिलने से नाराज परिणाम घोषित होने के 15 दिन के अंदर करीब 66 हजार परीक्षार्थियों ने पुर्नमूल्यांकन के लिए आवेदन किए हैं।इसमें 12वीं के 47 हजार और 10वीं में 19 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। इनमें से ज्यादातर की शिकायत है कि उन्होंने परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया है फिर भी कुछ विषयों में अपेक्षा से कम अंक मिले हैं। वहीं परीक्षार्थी कम अंक देने की भी शिकायत कर रहे हैं।

तीन माह की अवधि में होगा सुधार

मप्र 10वीं व 12वीं बोर्ड के विद्यार्थियों को जल्द ही अंकसूची का वितरण किया जाएगा। परीक्षार्थियों को दी जा रही अंकसूचियों में किसी प्रकार की लिपिकीय त्रुटि होने पर परीक्षा परिणाम घोषित होने के दिनांक से तीन माह की अवधि तक उसे ठीक करने के लिए निश्शुल्क व्यवस्था है। तीन माह में किसी प्रकार का सुधार न कराने वाले विद्यार्थियों को बाद में सुधार कराने के लिए शुल्क सहित आवेदन करना होगा।

शिक्षकों पर भी लगेगा एक गलती पर 100 रुपये का जुर्माना

10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान कुछ शिक्षक लापरवाही से उत्तरपुस्तिका जांच करते हैं। इससे विद्यार्थियों के नंबर कम-ज्यादा हो जाते हैं। पुर्नमूल्यांकन में विद्यार्थियों के नंबर बढ़ते हैं तो शिक्षकों पर प्रति नंबर बढ़ने पर 100 रुपये का दंड लगाया जाएगा। 

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