मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति के संबंध में उपस्थित विवाद के निपटारे के लिए हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश द्वारा पिछले 13 सालों से सीधी जिले के कलेक्टर और मध्य प्रदेश शासन से जवाब मांगा जा रहा है परंतु दोनों पक्षों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी। नाराज होकर हाईकोर्ट ने ₹50000 का जुर्माना ठोका और सीधी कलेक्टर को आदेश दिया कि अगली तारीख पर पूरा रिकॉर्ड लेकर हाजिर हों। अगली सुनवाई 30 मई को होगी।
हाई कोर्ट 13 साल से नोटिस जारी कर रहा है
याचिकाकर्ता, सुधा गौतम, निवासी ग्राम गौरध, जिला सीधी की ओर से मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को बताया गया कि। उन्होंने वर्ष 2011 में याचिका दाखिल की थी। 13 वर्ष बीत गए हैं। हाईकोर्ट की ओर से लगातार नोटिस जारी किए जा रहे हैं परंतु ना तो मध्य प्रदेश सरकार और ना ही सीधी कलेक्टर की ओर से कोई जवाब पेश किया जा रहा है। माननीय न्यायालय को बताया गया कि उनके द्वारा दिनांक 9 जनवरी 2013 को जवाब प्रस्तुत करने के लिए अंतिम मोहलत दी गई थी लेकिन इस चेतावनी का भी सिद्धि के कलेक्टर और मध्य प्रदेश शासन पर कोई असर नहीं पड़ा। उनकी ओर से जवाब नहीं आया है। यह हाई कोर्ट का अपमान और अवमानना ना भी है।
सीधी कलेक्टर हाई कोर्ट में हाजिर हों
हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार पर ₹50000 का जुर्माना अधिरोपित करते हुए, जवाब प्रस्तुत करने के लिए अंतिम अवसर दिया है अन्यथा एक तरफा फैसला किया जाएगा और सीधी जिले के कलेक्टर को आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्ता सुधा गौतम (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता) की नियुक्ति से जुड़े हुए सभी दस्तावेज लेकर दिनांक 30 मई को कोर्ट रूम में हाजिर हों।
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