JABALPUR में पिता और भाई की हत्या करके BF के साथ फरार लड़की हरिद्वार में गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के जबलपुर में 15 मार्च को अपने पिता और भाई की हत्या करके अपने बॉयफ्रेंड के साथ फरार हुई 70 दिन बाद उत्तराखंड के हरिद्वार में गिरफ्तार कर ली गई है। पिछले 70 दिनों में लड़की और उसके बॉयफ्रेंड ने जबलपुर पुलिस को काफी परेशान किया। भारत के कई इलाकों में घूमते रहे। यहां उल्लेख करना जरूरी है कि जिस बॉयफ्रेंड के लिए लड़की ने हाई कोर्ट में अपने पिता के खिलाफ बयान दिया और बाद में अपने पिता और मासूम भाई की हत्या कर दी वही बॉयफ्रेंड उसे हरिद्वार में अकेला छोड़कर फरार हो गया है। यह एक ऐसी लव स्टोरी है, जिसे पिछले 70 दिनों में किसी ने पसंद नहीं किया। कोई नहीं चाहता कि उनकी जिंदगी में ऐसा प्यार आए।

कहानी के किरदारों का परिचय

लड़की की उम्र 17 साल है, हालांकि हत्या जैसे गंभीर अपराध में आरोपी होने के कारण उसे वयस्क कंसीडर किया जाएगा। उसके बॉयफ्रेंड का नाम मुकुल सिंह उम्र 21 वर्ष है, जो उसके पड़ोस में रहता है। लड़की के पिता का नाम राजकुमार विश्वकर्मा और भाई का नाम तनिष्क विश्वकर्मा (उम्र सिर्फ 8 वर्ष) था। राजकुमार विश्वकर्मा जबलपुर रेलवे में अधीक्षक के पद पर पदस्थ थे। सभी लोग रेलवे मिलेनियम काॅलोनी सिविल लाइन जबलपुर में रहते थे। 

घटना का संक्षिप्त विवरण

दिनांक 13 मार्च 2024 को लड़की ने अपनी चचेरी बहन को एक वॉइस मैसेज करके बताया कि मुकुल ने पापा और तनिष्क को मार डाला है। जब पुलिस पहुंची तो घर में दोनों की डेड बॉडी पड़ी थी। लड़की गायब थी। CCTV कैमरे की रिकॉर्डिंग में वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ जाती हुई दिखाई दी। 16 मार्च को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में राजकुमार विश्वकर्मा और 8 साल के तनिष्क का पीएम किया गया। डॉक्टरों की टीम में डॉ. एच लोधी भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि जिस समय शव अस्पताल लाए गए थे, उसके 24 घंटे पहले ही मौत हो चुकी थी। शरीर हल्के काले पड़ने लगे थे। डॉक्टर के मुताबिक बच्चे का शरीर काफी देर तक फ्रिज में था, जिसके कारण अकड़ गया था।

मरने के बाद भी मारता रहा

डॉ. लोधी ने बताया कि जिस भी हथियार से हमला किया गया है, वो बहुत ही भारी और धारदार था। राजकुमार के सिर पर 10 वार किए गए थे। इससे सिर की हडि्डयों के कई टुकड़े हो गए थे। गले पर चाकू के निशान भी थे। हमलावर ने जब राजकुमार पर हमला किया था, उस समय व्ही आकार बना था। डॉक्टर का कहना है कि तनिष्क को भी उसी हथियार से मारा गया है। तनिष्क पर भी आरोपी ने छह वार किए गए थे। उसके सिर की हड्डी के साथ गले की भी हड्डी टूट गई थी। आशंका है कि वार करते समय हमलावर के हाथ से या तो हथियार फिसल गया या फिर निशाना चूक गया। आरोपियों ने तनिष्क के शव को तुरंत ही फ्रिज में रख दिया था, जिसके कारण खून जम गया था। 

प्रोफेशनल क्रिमिनल की तरह हत्या की गई

आरोपी मुकुल सिंह ज्यादातर समय मोबाइल पर टॉलीवुड की थ्रिलर मूवीज देखता था। उसने अच्छे से जान लिया था कि कैसे अपराध करना है और कैसे बचना है। उसने वारदात को अंजाम देने के लिए दो प्लान बनाए थे।
प्लान A - मुकुल ने वारदात के लिए रातभर सामान इकट्ठा कर गैरेज में रखा। तड़के 3 बजे सामान लेकर राजकुमार के घर पहुंचा। तब तक गैस कटर, पॉलिथीन, ग्लब्ज, चाकू सभी कुछ एक जगह रख चुका था। मुकुल को पता था कि हत्या के बाद दिन में राजकुमार के घर से भागना मुमकिन नहीं है।
प्लान B - मुकुल सिंह को पता था कि राजकुमार पीछे वाले दरवाजे पर ताला लगाकर रखते हैं। वहां से अगर भागना पड़े, तो बिना आवाज ताला काटने के लिए मिनी गैस कटर भी रखा था।

कितने क्रिमिनल माइंडेड है 

पिता की डेड बॉडी को किचन में और भाई की डेड बॉडी को फ्रिज में रखा। दूसरे दिन दोनों एक साथ कॉलोनी से बाहर निकले। मदन महल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक से अंदर गए दूसरी तरफ से बाहर निकाल कर आएसबीटी बस स्टैंड पहुंच गए और बस में बैठ गए। बस के रवाना होने की थोड़ी देर बाद दवाई लेने के बहाने जबलपुर के आधारताल इलाके में उतर गए और फिर दूसरी बस से कटनी चले गए फिर कटनी से ट्रेन पड़कर पुणे महाराष्ट्र चले गए। इस प्रकार पुलिस को कंफ्यूज किया। यदि पुलिस रेलवे स्टेशन के बाद आईएसबीटी का CCTV रिकॉर्ड चेक नहीं करती तो वह हमेशा यही सोचती रहती की ट्रेन में बैठकर रवाना हुए हैं। इसी प्रकार भारत के कई इलाकों में घूमते रहे। मोबाइल फोन USE नहीं करते थे। अक्सर भीड़ भाड़ वाले इलाकों में रहते थे। अयोध्या भी गए थे। उत्तराखंड के हरिद्वार में भी एक आश्रम में रह रहे थे। पहचान लिए गए तो फरार हो गए थे। 

हत्या क्योंकि वैसे ही भाग जाते

लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम है। जबकि लड़के की उम्र 21 वर्ष है। पिता राजकुमार विश्वकर्मा का मानना था कि मुकुल सिंह ने उनकी लड़की को झूठे प्यार में फंसा लिया है और उसका शारीरिक शोषण कर रहा है। इसलिए उन्होंने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। मुकुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। जमानत के लिए हाईकोर्ट में बहस के दौरान लड़की ने बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से मुकुल सिंह के साथ गई थी और फिजिकल रिलेशन बनाए। फूल सिंह के वकील ने कोर्ट में साबित किया की लड़की 16 वर्ष से अधिक आयु की है और मेच्योर है। इसी आधार पर मुकुल सिंह को जमानत दे दी गई थी। मुकुल सिंह ने जेल में ही प्लान कर लिया था कि वह राजकुमार विश्वकर्मा की हत्या कर देगा। तनिष्क की उम्र मात्र 8 साल थी। उसे अपने साथ नहीं ले जा सकते थे इसलिए उसे भी मार डाला। लड़की शुरू से आखरी तक अपने पिता के खिलाफ और अपने बॉयफ्रेंड मुकुल सिंह के साथ रही। 

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