BHOPAL NEWS - ओवरकॉन्फिडेंट आलोक शर्मा अपने ही वोट काट रहे हैं, पब्लिक को परेशान किया

आज से पहले तक कहा जाता था कि, 5 साल तक अकड़ कर घूमने वाले नेता भी चुनाव आते ही हाथ जोड़ने लगते हैं परंतु मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐसा कुछ नहीं है। विधानसभा चुनाव हार चुके आलोक शर्मा पार्टी की कृपा से से सांसद बनने वाले हैं, लेकिन उनका कॉन्फिडेंस इतना हाई है कि, अपने ही वोट काट रहे हैं। नामांकन दाखिले के दिन चार घंटे तक पब्लिक को परेशान किया। 

BHOPAL TODAY - आलोक शर्मा ने अस्पताल का सीधा रास्ता बंद करवा दिया

कमला पार्क से होकर वीआईपी चौराहा से पुराने भोपाल की तरफ जाने वाला रास्ता गुरुवार सुबह बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया। सोमवारा में कर्फ्यू वाली माता मंदिर के पास आलोक शर्मा के कार्यक्रम के चलते यहां से दो पहिया वाहन तक को जाने की अनुमति नहीं थी। पॉलीटिकल प्रेशर के कारण ट्रैफिक पुलिस ने नियमों के विरुद्ध सुबह 10 बजे से ही एक तरफ के रास्ते पर बैरिकेडिंग कर दी थी। हमीदिया अस्पताल की ओर जाने वाले वालों को करीब 5 किलोमीटर से अधिक का चक्कर लगाना पड़ा। रोज करीब 400 वाहन हमीदिया अस्पताल आते हैं। इसी तरह सोमवार से लेकर पीर गेट, चौक बाजार से कमला पार्क के रास्ते नए भोपाल की तरफ आने वाले वाहन चालकों को भी 4 से 5 किमी तक घूमकर जाना पड़ा। करीब डेढ़ बजे कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भी 3 बजे तक ट्रैफिक सामान्य नहीं हो पाया। 

BHOPAL LIVE - जो लोग परेशान हुए क्या हुआ आलोक शर्मा को वोट देंगे

कोहेफिजा थाना तरफ से भी बंद था वीआईपी तिराहे से डायवर्सन के कारण हमीदिया अस्पताल जाने के लिए वाहन चालकों को वीआईपी रोड से करबला होकर जाना पड़ा। यहां से कोहेफिजा थाने पर आने पर पता चला कि चार पहिया वाहन के लिए बंद है। ऐसे में उन्हें फिर भोपाल गेट, बाबे अली मैदान से शाहजहांनाबाद थाने के पहले एलबीएस अस्पताल से घूमकर हमीदिया जाना पड़ा। इसी तरह हमीदिया से आने वालों को भी इसी रास्ते से वापस जाना पड़ा। सवाल यह है कि जो लोग परेशान हुए हैं, क्या वह आलोक शर्मा को वोट देंगे। किसी दूसरे के काम और गारंटी के प्रभाव के कारण, लोगों के भावनात्मक लगाव के कारण आलोक शर्मा चुनाव तो जीत जाएंगे परंतु इतने सकारात्मक माहौल में क्या वह कोई रिकॉर्ड बना पाएंगे। 

ये रास्ते बंद रहे

  • वीआईपी तिराहे से हमीदिया जाने वाला
  • बिजली ऑफिस से हमीदिया जाने वाला
  • स्टेट बैंक चौराहा से सोमवारा तक जाने वाला रास्ता
  • चौक बाजार से सोमवारा की आने वाला रास्ता। 

श्री हरिनारायणचारी मिश्र, पुलिस कमिश्नर भोपाल का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि, इस मामले में आलोक शर्मा की कोई गलती नहीं है। कार्यक्रम पहले से तय था। गलती ट्रैफिक पुलिस की है। पब्लिक को डायवर्सन की सूचना देना ट्रैफिक पुलिस का काम था। ट्रैफिक पुलिस को हिदायत दी जाएगी कि आगे से ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए। 

चुनाव आयोग अपने कैंडिडेट को कंट्रोल क्यों नहीं करता 

सबसे बड़ा सवाल यह है कि चुनाव आयोग अपने कैंडिडेट को कंट्रोल क्यों नहीं करता। जब इतनी बड़ी आचार संहिता बनाई है तो प्रत्याशी के रैली और रोड शो के लिए गाइडलाइन क्यों नहीं बनाई है। इस प्रकार पब्लिक को परेशान करने वाले प्रत्याशी को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी क्यों नहीं माना जाता। 

सीएमसी सिक्योरिटी में लापरवाही तो सस्पेंड, पब्लिक परेशान तो सिर्फ हिदायत? 

इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही का मामला सामने आया था। एक सब इंस्पेक्टर को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया था लेकिन दूसरी तरफ पब्लिक को परेशान किया गया। अस्पताल का सीधा रास्ता रोक दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिर्फ अपने बयान में हिदायत दी गई है। किसी कागज पर कोई चेतावनी तक जारी नहीं की गई है। शुक्र है कि मुख्यमंत्री के साथ कोई हादसा नहीं हुआ, शुक्र है कि किसी गंभीर बीमार मरीज को ले जाती हुई कोई एंबुलेंस इस ट्रैफिक ब्लॉक का शिकार नहीं हुई, लेकिन सिस्टम को सही रखने के लिए क्या किसी गंभीर हादसे का होना जरूरी है। 

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