मध्य प्रदेश में नर्सिंग ऑफिसर भर्ती परीक्षा 2022 घोटाला सामने आया है। यह अपने तरीके का बिल्कुल नया घोटाला है। जबलपुर जिला मेडिकल कॉलेज ने मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल के माध्यम से चयन परीक्षा का आयोजन करवाया गया और दूसरी तरफ MPONLINE के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया पूरी करके पसंदीदा उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी गई। यानी एक तरफ MPPEB के माध्यम से परीक्षा का आयोजन करके उम्मीदवारों को उसमें व्यस्त रखा गया और दूसरी तरफ MPONLINE से भर्ती कर ली। मध्य प्रदेश और शायद भारत में इस प्रकार की गड़बड़ी, इससे पहले शायद ही कभी प्रकाश में आई हो।
MPESB से परीक्षा कराई और MPONLINE से भर्ती करवा ली
मेडिकल कॉलेज जबलपुर ने नर्सिंग ऑफिसर की भर्ती हेतु 262 पदों पर नियुक्ति के लिए चयन परीक्षा कराने हेतु व्यापम से आग्रह किया। व्यापम ने भर्ती परीक्षा करवाई एवं रिजल्ट जनवरी 2022 में आया। महिला अभ्यर्थी जब जॉइनिंग के लिए मेडिकल कॉलेज गई तो मेडिकल कॉलेज ने यह कहकर उन्हें जॉइनिंग नहीं दी कि उन्होंने अर्थात मेडिकल कॉलेज ने एमपी ऑनलाइन के माध्यम से भर्ती कर ली है। जब शासन स्तर पर अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के बावजूद न्याय नहीं मिला तब महिला उम्मीदवारों ने अधिवक्ता श्री दिनेश सिंह चौहान के माध्यम से मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका (Petition No-WP/2211/2023) प्रस्तुत की।
जब भर्ती एमपी ऑनलाइन से करनी थी तो व्यापम से परीक्षा क्यों करवाई: हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में अधिवक्ता श्री दिनेश सिंह चौहान ने बताया कि किस प्रकार मेडिकल कॉलेज जबलपुर ने व्यापम उर्फ प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड उर्फ मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल के माध्यम से परीक्षा का आयोजन किया परंतु विधिवत रिजल्ट प्राप्त होने के बावजूद चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी। अधिवक्ता श्री चौहान ने हाई कोर्ट को बताया कि, MPPEB के माध्यम से हुई परीक्षा में विशेष आरक्षित वर्ग के आदिवासी उम्मीदवारों में नियुक्ति दी गई। यानी एक परीक्षा के कुछ उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई और बाकी उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी गई। कहा गया कि हमने इस परीक्षा को अमान्य कर दिया है।
शासन की ओर से प्रस्तुत हुए अधिवक्ता ने बताया कि, शासन के निर्देश पर MPONLINE के माध्यम से परीक्षा का आयोजन किया गया था परंतु माननीय न्यायालय के समक्ष वह यह प्रमाणित करने में असफल रहे कि शासन ने MPONLINE के माध्यम से परीक्षा की आयोजन का निर्देश दिया था और इस प्रश्न का उत्तर भी नहीं दे पाए कि यदि भर्ती परीक्षा के लिए एजेंसी बदली गई थी तो व्यापम (मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल) को उनकी प्रक्रिया निरस्त घोषित करने के लिए क्यों नहीं कहा गया।
माननीय न्यायालय ने अधिवक्ता श्री चौहान के तर्कों से सहमत होते हुए मध्य प्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को तलब किया, साथ ही जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन को भी कोर्ट में बुलाया है।
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