भूमध्य सागर और अटलांटिक महासागर में उठे तूफान से बने बादल राजस्थान की तरफ बढ़ रहे हैं। इनका मध्य प्रदेश और अन्य कई राज्यों के आसमान तक पहुंचाने की संभावना है। सेटेलाइट से मेरी जानकारी के अनुसार इन बादलों में फिलहाल ज्यादा पानी नहीं है, इसलिए हल्की बारिश होगी लेकिन यदि दक्षिण के समुद्र से नमी मिल गई तो भारी बारिश भी हो सकती है।
राजस्थान मौसम का पूर्वानुमान
राजस्थान राज्य में पिछले एक महीने में करीब 4 पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हुए हैं। इस वजह से राजस्थान प्रदेश के कई जिलों में हल्की और तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई। आकाशीय बिजली गिरने से 6 लोगों की मौत भी हो चुकी। अब पश्चिमी विक्षोभ खत्म हो चुके हैं लेकिन मौसम बदलने के कारण उत्तरी दिशाओं से आने वाली सर्द हवाओं का आगमन जारी है। पाकिस्तान की ओर से भी लगातार ठंडी हवाएं आ रही है जिसका असर पूरे प्रदेश में देखा जा रहा है।
राजस्थान मौसम विभाग के अनुसार, 10 से 13 मार्च के बीच सक्रिय होने वाले 2 पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से एक बार फिर मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान बादलों की आवाजाही के साथ हल्की बारिश होगी। खास करके इसका असर श्रीगंगानगर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, चूरू में देखने को मिलेगा।प्रदेश में उत्तरी- पूर्व इलाकों में बारिश के ज्यादा संभावना है। बारिश और मौसम तंत्रों के प्रभाव से सर्द हवाओं के चलने और ठंड बढ़ने के भी आसार है।आगामी पांच दिनों में धीरे-धीरे तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की संभावना है। 9 और 10 मार्च को कुछ इलाकों में सतही तेज हवाएं चलने के आसार हैं। इन हवाओं की गति 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
मध्य प्रदेश के मौसम विभाग के मुताबिक, नए पश्चिमी विक्षोभ के असर से बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर अमरकंटक, शहडोल जैसे जिलों में हल्की बारिश हो सकती है।जबलपुर, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा और बैतूल के साथ-साथ सिवनी में मौसम खराब हो सकता है। इसके प्रभाव से ग्वालियर-चंबल संभाग में बादल छाने के साथ बूंदाबांदी का अनुमान है। इसके असर से 15 मार्च तक मौसम का मिजाज ठंडा ही बना रहेगा, इसके बाद 20 मार्च से तापमान बढ़ने से गर्मी का अहसास होने लगेगा। मार्च के आखिरी सप्ताह में तापमान 35 डिग्री के आसपास पहुंच सकता है।
वर्तमान में पंजाब के आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। एक कमजोर आवृति का पश्चिमी विक्षोभ जम्मू के आसपास द्रोणिका के रूप में मौजूद है लेकिन आवृति काफी कम होने और हवा का रूख बार बार बदलने से प्रदेश का मौसम शुष्क होने लगा है। दिन के समय हवाओं का रुख दक्षिण-पूर्वी होने से तापमान बढ़ने तो शाम को हवाओं का रुख उत्तरी होने से ठंडक होने लगती है। अगले हफ्ते एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इसका ज्यादा प्रभाव नहीं रहेगा लेकिन बादल छाए रहेंगे और कहीं कहीं हल्की बारिश हो सकती है।