वेदांत में इन्वेस्ट करने वाले शेयर बाजार निवेशकों के लिए बड़ी खबर है। तीन पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स जो अंडर डेवलपमेंट है, अब ज्वाइंट वेंचर में चले जाएंगे। यह कैलकुलेट करने का समय है कि इसके कारण कंपनी को फायदा होगा या नुकसान और वेदांत के शेयर्स की कीमत पर इसका क्या असर पड़ेगा।
सॉवरेन वेल्थ फंड GIC Pte के साथ ज्वाइंट वेंचर
वेदांता लिमिटेड की स्वामित्व वाली कंपनी स्टार लाइट पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड ने भारत में संचालित उसके तीन पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स, सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड GIC Pte के साथ ज्वाइंट वेंचर में ट्रांसफर कर दिए हैं। स्टरलाइट ग्रिड 32 लिमिटेड इस ट्रांसफर के लिए सहमत हो गई है। यह जानकारी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में बताया है कि भारत में यह प्रोजेक्ट्स किश्तवाड़, नांगलबीबरा और फतेहगढ़ में अंडर डेवलपमेंट है।
पिछले साल SPTL ने 1 बिलियन डॉलर का ज्वाइंट वेचर प्लेटफॉर्म स्थापित करने के लिए GIC के साथ सहयोग किया था। कंपनी की डिटेल के अनुसार, अनिल अग्रवाल द्वारा नियंत्रित स्टरलाइट पावर के पास 15 राज्यों में 108 महत्वपूर्ण कॉरिडोर के साथ लाइव लाइन कंडीशन के तहत 34,000 किमी + OPGW (ऑप्टिकल ग्राउंड वायर) बेस्ड कम्युनिकेशन प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं या एग्जीक्युशन के अधीन हैं।
यह कंपनी पावर केबल, कंडक्टर और OPGW की एक लीडिंग मैन्युफैक्चरर भी है, जो 60 से अधिक देशों में एक्सपोर्ट करने के अलावा भारत के सभी प्रमुख राज्यों और प्राइवेट यूटिलिटीज को सप्लाई करती है। इसकी सिलवासा, झारसुगुड़ा और हरिद्वार में मैन्युफैक्चरिंग एसेट हैं।
स्टरलाइट पावर क्या करती है
स्टरलाइट पावर की ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस लाइन पावर ट्रांसमिशन एसेट के लिए बोली लगाती है और डिजाइन, कंस्ट्रक्शन करती है। वर्तमान में इसका ऑपरेशन भारत और ब्राजील में है। रिपोर्ट के अनुसार स्टरलाइट पावर भारत के पहले पावर सेक्टर इनविट, इंडिया ग्रिड ट्रस्ट (IndiGrid) का प्रायोजक है जो लिस्टेड है।
स्टरलाइट पावर के एमडी प्रतीक अग्रवाल अनिल अग्रवाल के भतीजे हैं। सितंबर 2022 में, बिजली कंपनी ने घोषणा की कि उसने अपनी डीआरएचपी वापस ले ली है और प्रतिकूल बाजार स्थितियों के कारण अपनी लिस्टिंग योजनाओं को स्थगित कर दिया है।