भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने भारत के शेयर बाजार में बड़े बदलाव को मंजूरी दे दी है। स्टॉक मार्केट में प्रायोगिक तौर पर T+0 प्रणाली लागू कर दी गई है। कहा जा रहा है कि इसके कारण शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले और इन्वेस्ट करने वाले लोगों को फायदा होगा। इसके अलावा IPO से संबंधित नियम बदले हैं। इसके कारण उन कंपनियों को फायदा होगा जो अपना आईपीओ प्लान कर रही है या फिर नियमों के कारण अब तक शेयर बाजार में प्रवेश नहीं कर पाई हैं।
शेयर बाजार में T+0 प्रणाली लागू, पढ़िए क्या फायदा होगा
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शुक्रवार को मुंबई में हुई बोर्ड मीटिंग में शेयर मार्केट में व्यापार को आसान और बेहतर बनाने के लिए कई उपायों को मंजूरी दी। इसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) और आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिये धन जुटाने वाली कंपनियों से जुड़े नियम शामिल हैं। बैठक में 25 कंपनियों के शेयरों के साथ ट्रेडिंग के दिन निपटान (टी+0) प्रणाली का बीटा संस्करण लांच करने को भी मंजूरी दी गई। सेबी ने कहा कि बीटा वर्जन के यूजर्स समेत सभी के हित और परामर्श को ध्यान में रखेगा। T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन (T+0 Beta Version) लॉन्च होने के बाद निवेशकों और ट्रेडर्स को शेयर बेचते ही पूरी रकम मिल जाएगी।
IPO प्लेन करने वाली कंपनियों की बल्ले बल्ले
सेबी ने बताया कि बोर्ड बैठक में आईपीओ या राइट्स इश्यू लाने के लिए जमा की जाने वाली एक प्रतिशत सुरक्षा राशि की जरूरत को खत्म करने का फैसला लिया गया है। साथ ही अप्रत्याशित घटना के चलते ऑफर समापन की तिथि को आगे बढ़ाने की छूट दी गई है। इससे आईपीओ लाने वाली कंपनियों को लाभ होगा।
बोर्ड ने एफपीआई की ओर से भौतिक जानकारी देने की समय-सीमा में भी ढील को भी मंजूरी दी है। अभी एफपीआई को अपने डीडीपी को पहले से दी गई जानकारियों में किसी बड़े बदलाव का खुला 7 वर्किंग डेज के भीतर करना होता है। लेकिन, अब FPI के किसी बदलाव के बारे में बताने और उससे जुड़े दस्तावेज जमा करने के लिए 30 दिन की मोहलत होगी।
सेबी ने कहा कि नए उपायों की तिमाही आधार पर समीक्षा की जाएगी और उसी के आधार पर आगे का फैसला लिया जाएगा।