मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर के चंदन नगर पुलिस थाने में एक आशा कार्यकर्ता ने दो लड़कों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करवाया है। अपनी शिकायत में आशा कार्यकर्ता ने बताया कि पहली बार बलात्कार के बाद उसने शिकायत नहीं की थी परंतु जब उन्होंने दूसरी बार बलात्कार करने का प्रयास किया, तब पति को सारी बात बताई और मामला दर्ज करवाया।
पहली बार बहन के घर में बलात्कार हुआ
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता के पद पर काम करती है। उसके दो बच्चे हैं। नवादा पंथ इलाके में उसकी बहन रहती है। जिसकी चार माह की बेटी है। पिछले दिनों उसकी तबीयत ठीक नही थी तो मैं उसे देखने वहां गई थी। 27 फरवरी की दोपहर 2 बजे के लगभग वह बहन से बात कर रही थी। इस दौरान बहन ने मुझे कहा कि वह नजदीक की दुकान पर दूध लेने जा रही है। बेटी का ध्यान रखे। तब धार के भीकनखेड़ा में रहने वाला गजेंद्र कटारे और सखाराम भील वहां आए। दोनों जबरदस्ती घर में घुस गए। सखाराम ने बाहर से कमरे दरवाजा बंद कर दिया। गजेंद्र ने चिल्लाने पर उसका मुंह दबा दिया और जान से मारने की धमकी दी।
दोनों बहनों ने किसी को कुछ नहीं बताया
इसके बाद आरोपी ने धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और जबरदस्ती करने लगा। मेरे चिल्लाने से नजदीक लेटी बहन की चार माह की बेटी भी जोर-जोर से रोने लगी। मैं काफी डर गई। इसके बाद बाहर दरवाजा खोलने की आवाज आई। मेरी बहन अंदर आई तब मैं जमीन पर पड़ी रो रही थी। गजेंद्र ने मुझे और मेरी बहन को धमकी दी कि यह बात किसी को बताई तो दोनों बच्चो सहित मार देगा। इसके बाद बहन को धक्का देकर भाग गया। मुझे नीचे गिरने से हाथ-पैर में चोट के निशान आ गए। मैंने बहन को पूरी घटना बताई। दीदी और मैं इस घटना से काफी डर गए। धमकी के चलते यह बात किसी को नहीं बताई।
शिकायत नहीं की तो पीछे पड़ गए
पीड़िता ने बताया कि 9 मार्च के दिन वह ड्यूटी करके स्कूटी से अपने घर जा रही थी। तब धार रोड़ पर गजेंद्र और सखाराम फिर पीछे पड़ गए। कमेंट करने लगे। इस हरकत से काफी डर गई। बाद में बहन को मामले की जानकारी दी। 12 मार्च को पति को पूरी बात बताई। उन्होंने पुलिस कार्रवाई करने की बात कही। बाद में बहन को साथ लेकर थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ शिकायत करने पहुंची।