MP NEWS - ग्वालियर की महिला शिक्षक का उसी के घर में अपहरण, 51 लाख फिरौती देकर छूटी

Bhopal Samachar

यह अपहरण की एक ऐसी वारदात है जिसे पुलिस रिकॉर्ड में अपहरण दर्ज नहीं किया जा सकता, क्योंकि आईपीसी में ऐसी कोई धारा ही नहीं है। अपहरणकर्ताओं ने ऐसा किया कि महिला शिक्षक ने खुद को अपने घर में बंद कर लिया और तब तक खुद को मुक्त नहीं किया जब तक कि, अपहरण करने वालों के आदेश के अनुसार 51 लाख रुपए की फिरौती की रकम उनके बताए हुए बैंक खाते में ट्रांसफर नहीं हो गई। 

गिरोह के पास महिला शिक्षक की बारीक से बारीक जानकारी थी

महिला का नाम श्रीमती आशा भटनागर उम्र 72 वर्ष है। स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर पदस्थ थी अब रिटायर हो गई है। उनका बेटा अमेरिका में रहता है और बेटी दामाद पुणे महाराष्ट्र में। एक गिरोह ने उनके बारे में उपरोक्त सारी जानकारी जुटाई और इसके अलावा वह जानकारी भी जुटाई जो केवल उनके परिवार वालों को पता थी। इसके बाद उनके पास एक फोन कॉल आया। उनको बताया गया कि मुंबई में उनके खिलाफ 24 मामले दर्ज हुए हैं। उनके खिलाफ गिरफ्तारी आदेश जारी हो गए हैं। मुंबई पुलिस की टीम ग्वालियर पहुंच गई है और उनके घर के आसपास है। दहशत को बढ़ाने के लिए यह भी बताया कि कल उन्होंने गाजर खरीदी थी और वह एक्सिस बैंक गई थी। 

दहशत बैठ जाने के बाद, गिरोह ने अपना काम शुरू किया 

जब कंफर्म हो गया कि महिला शिक्षक पूरी तरह से डर गई है और गिरफ्तारी से बचने के लिए उनकी हर बात मानने को तैयार है। तब उन्हें बताया गया कि उनका फोन सर्विलांस पर है। यदि उन्होंने किसी को भी फोन किया या फिर किसी का फोन अटेंड किया, तो बाहर खड़ी हुई मुंबई पुलिस की टीम घर के अंदर घुस जाएगी और उन्हें गिरफ्तार कर दिया जाएगा। अब तक की बातों से कंफर्म हो गया था कि घर के बाहर कोई खड़ा है जो उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रहा है। 

वृद्ध महिला ने गिरोह की हर बात मानना शुरू कर दिया। अपने ही घर में बाहर से लॉक डलवा दिया। सफाई वाली बाई को भी नहीं आने दिया। इस दौरान उनकी बहन और बेटी का फोन आया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। यह सब कुछ दो दिन तक चलता रहा। गिरोह को उनके बैंक खातों के बारे में भी पता था। उनसे टोटल 51 लाख रुपए वसूल किए गए। 

पूरा घटनाक्रम हो जाने के बाद, रिटायर्ड महिला शिक्षक ने फोन पर अपनी बेटी को सारी बात बताई और अपनी सहेली महिला शिक्षक को भी इस घटना की जानकारी दी। जब परिवार और परिजनों में बैठकर बात की तब उनको समझ में आया कि, यदि 24 मामले दर्ज है तो इस प्रकार से उन्हें खत्म नहीं किया जा सकता। कॉल बैक करने पर कोई रिस्पांस नहीं मिला क्योंकि रैकेट अपना काम कर चुका था। 

शनिवार दिनांक 16 मार्च 2024 को ग्वालियर पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह के समक्ष इस मामले की शिकायत की गई। अब साइबर क्राइम पुलिस अपराधियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। 

MORAL OF THE STORY

हम विश्वास पूर्वक कह सकते हैं कि, अपराधी पकड़े जाएंगे परंतु हमको यह समझना जरूरी है कि अपराध का एक नया तरीका सामने आया है। इस प्रकार से कोई भी किसी भी व्यक्ति के अंदर डर की स्थिति बनाकर उसका अपहरण कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम सावधान रहें और इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए कुछ ऐसे इंतजाम करें, जिससे हमारी और हमारे परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। 

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