BNS 59, IPC 119 - अपराध का षडयंत्र करना कब अपराध होता है जानिए

Legal general knowledge and law study notes 

प्रारम्भ में भारतीय दण्ड संहिता में आपराधिक षड्यंत्र करना दण्ड दंडनीय क्योंकि अपराध का षडयंत्र मात्र, अपराध नहीं होता है जब तक कोई अपराध घटित न हो जाए, लेकिन भारतीय दण्ड विधि संशोधन वर्ष 1931 में अध्याय 05 में एक नवीन अध्याय जोड़ा गया अध्याय 05(क) इसमे धारा 120 क एवं धारा 120 ख जोड़ी गई जिसमें आपराधिक षड्यंत्र को अपराध माना गया लेकिन वर्तमान नए कानून भारतीय न्याय संहिता, 2023 में इस अपराध को धारा 61 में परिभाषित किया गया है।

जानिए आपराधिक षड्यंत्र के दो आवश्यक तत्व कौन कौन से है:-

1. दो या अधिक व्यक्तियों में अपराध करने की सहमति होना चाहिए।
2. सहमती अवैध होनी चाहिए।
3. अगर कोई वैध सहमती है तब उसमे अवैध साधनो का उपयोग किया गया हो।

इस संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय जानिए 
▪︎ मूल्ये बनाम रेक्स मामले में न्यायधीश ने कहा कि षड्यंत्र दो या उससे अधिक व्यक्तियों के केवल आशय मात्र से नहीं अपितु दो या अधिक व्यक्तियों के अवैध कार्य की सहमति एवं किसी वैध कार्य को अवैध साधनो द्वारा करने की सहमति से निर्मित होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

:- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद), इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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