मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित राज्य सूचना आयोग के आयुक्त श्री राहुल सिंह के एक नोटिस एवं आदेश ने ग्वालियर में बैठे बिजली कंपनी के अधिकारियों की सारी हेकड़ी निकाल दी। बिजली कंपनी के अधिकारी उपभोक्ता फॉर्म के आदेश का पालन नहीं कर रहे थे। आरटीआई आवेदन रिसीव करने तक को तैयार नहीं थे और अब (ग्वालियर के लोकल शब्दों में) फड़फड़ाते घूम रहे हैं। आईटीआई आवेदक को न केवल जानकारी मिलेगी बल्कि ₹5000 हर्जाना भी मिलेगा, और यदि इस बार आदेश का पालन नहीं किया तो अस्सिटेंट इंजीनियर के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई होगी।
बिजली कंपनी ने उपभोक्ता आयोग के आदेश का पालन नहीं किया
ग्वालियर की 24 बीघा विनय नगर स्थित कालोनी में राजकिशोर के फ्लैट पर ग़लत बिज़ली का बिल आ गया था। जिसके विवाद के चलते बिज़ली विभाग ने राजकिशोर के फ्लैट की बिज़ली काट दी। राजकिशोर ने बिजली विभाग में शिकायत की तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में राजकिशोर ने उपभोक्ता अदालत में मामला दायर किया। अदालत ने राजकिशोर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिजली बिल के सुधार के साथ उन्हें हर्जाने की राशि देने की भी निर्देश दिए, लेकिन इसके बाद भी बिज़ली विभाग ने उपभोक्ता अदालत के निर्देश में कोई भी कार्रवाई नहीं की।
ग्वालियर की बिजली कंपनी में नीचे से ऊपर तक कोई सुनवाई नहीं
राजकिशोर बिज़ली विभाग के चक्कर काटते रहे पर उन्हें कोई भी अधिकारी ये बताने को राज़ी नहीं हुआ कि उनकी फ़ाइल पर क्या कार्रवाई हो रही है। परेशान राजकिशोर ने बिज़ली विभाग में ही RTI (सूचना का अधिकार अधिनियम) के तहत आवेदन दायर किया। RTI में राजकिशोर ने यह जानकारी मांगी की उपभोक्ता अदालत के आदेश पर बिजली विभाग ने क्या कार्रवाई की है। संबंधित असिस्टेंट इंजीनियर ने RTI आवेदन को लेने से मना कर दिया और रजिस्टर्ड डाक से भेजे गए आवेदन को वापस लौटा दिया। जानकारी नहीं मिलने पर राजकिशोर ने बिज़ली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के पास प्रथम अपील की। पर वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। तो परेशान राजकिशोर ने सूचना आयोग भोपाल मे अपील दायर की।
मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने चेतावनी जारी की
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने इस प्रकरण को पूरा सुनने के बाद कहा कि राजकिशोर तिवारी को यह जानने का अधिकार है कि उनसे संबंधित प्रकरण में बिजली विभाग ने क्या कार्रवाई की। श्री सिंह आदेश में कहा कि राजकिशोर को जानबूझकर परेशान करने की नीयत से बिजली विभाग के संबंधित अधिकारी कार्य कर रहे हैं। श्री सिंह ने दोषी असिस्टेंट इंजीनियर को ₹25000 जुर्माना या अनुशासनिक कार्रवाई का कारण बताओं नोटिस जारी किया है। सिंह ने वर्तमान सहायक यंत्री को 5 दिन के भीतर राजकिशोर को निशुल्क जानकारी देने के लिए निर्देशित किया। राज्य सूचना आयोग के नोटिस के बाद बिजली विभाग में हड़कंप मच गया है। अब विभाग बिज़ली बिल की वो जानकारी बनाने के लिए जुट गया है, जिसके लिए राजकिशोर काफ़ी समय से परेशान थे।
आरटीआई आवेदक को जानकारी के साथ ₹5000 हर्जाना भी मिलेगा
सूचना आयोग ना केवल जुर्माने बल्कि हर्जाने का भी आदेश (दिनांक 12 मार्च 2024) जारी किया है। सूचना आयुक्त सिंह ने कहा कि पूरे मामले में राजकिशोर तिवारी को बिजली विभाग के दोषी अधिकारी के द्वारा जानबूझकर राजकिशोर को परेशान करने की नीयत से की गई कार्रवाई साबित होती है। सिंह ने सख्त आपत्ति लेते हुए बिजली विभाग के सचिव मंत्रालय भोपाल को ₹5000 हर्जाना, विभाग से राजकिशोर को दिलवाने के लिए निर्देशित किया है। सिंह ने कहा कि ये हर्जाना आरटीआई में जानकारी देने में विभाग की लापरवाही की वजह से राजकिशोर को हुई परेशानी को देखते हुए दिया गया है।
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