मध्य प्रदेश में व्यापम का नाम बदले जाने के बाद कई और चीजों के नाम भी बदल गए हैं। जैसे बिजली कटौती को अब मेंटेनेंस कहा जाने लगा है। मेंटेनेंस के नाम पर पूरे प्रदेश में हर रोज कटौती का शेड्यूल जारी किया जाता है। राजधानी भोपाल के लोगों को केवल इतनी राहत दी गई है कि, कटौती का टाइम फिक्स कर दिया गया है।
भोपाल में दोपहर 2:00 बजे के बाद कटौती नहीं होगी
बिजली कंपनी के सिटी सर्कल के जनरल मैनेजर जाहिद अजीज खान ने बताया कि भीषण गर्मी के पूर्वानुमान को देखते हुए इस बार लोगों की सहूलियत के लिए मेंटेनेंस का ऐसा शेड्यूल बनाया है। दोपहर 2 बजे के बाद जब तापमान ज्यादा रहता है तब शटडाउन नहीं लिया जाएगा। डेढ़ महीने तक अलग-अलग इलाके की 70 हजार आबादी रोज 5 घंटे घोषित बिजली कटौती झेलेगी। अफसरों के अनुसार शहर में 512 फीडर हैं। रोज 10 फीडर पर मेंटेनेंस होगा। एक फीडर पर औसतन 1400 उपभोक्ता हैं। एक उपभोक्ता के परिवार में औसतन 5 सदस्यों के हिसाब से इन 10 फीडर से 70 हजार होगी।
बिजली कंपनी मेंटेनेंस में क्या करती है
- लाइनों पर लटकती पेड़ों की टहनियां काटी-छांटी जाती है।
- जंपर टाइट किए जाते हैं।
- खराब इंसुलेटर बदले जाते हैं।
- ट्रांसफाॅर्मर की बुशिंग की जाते हैं।
- ट्रांसफाॅर्मर का ऑयल चेक करके उसमे टॉपिंग की जाते हैं।
- केबल को दुरस्त किया जाता है।
- सब स्टेशन में भी ऑयल लेवल चैक किया जाता है।
राजेंद्र अग्रवाल रिटा. एडि. चीफ इंजीनियर क्या कहना है कि जब इतना मेंटेनेंस तो फिर जरा सी हवा-बारिश में घंटों बिजली गुल क्यों हो जाती है। उन्होंने बताया कि, पिछले साल मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को रिपेयरिंग और मेंटेनेंस के लिए 330.26 करोड़ रुपए मिले थे। कंपनी इनमें से सिर्फ 120.03 करोड़ ही खर्च कर पाई। इस बात से स्पष्ट होता है कि मेंटेनेंस किया ही नहीं गया बल्कि कटौती का नाम बदलकर मेंटेनेंस रख दिया गया है।
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