मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और उसके आसपास के इलाकों में भारी आंधी तूफान और ओलावृष्टि की स्थिति बनी। समाचार लिखे जाने तक दो बच्चों की मृत्यु हो जाने की जानकारी मिली है जबकि अचानक आई इस आंधी और तूफान के कारण भोपाल और सीहोर जिले में आम नागरिकों एवं किसानों का हजारों करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया।
तबाही के बाद वैज्ञानिक का बयान
भोपाल से लेकर सीहोर तक चारों तरफ त्राहि-त्राहि की स्थिति बनी हुई है। कई पेड़ उखड़ कर गिर गए। आधे से ज्यादा भोपाल शहर में ब्लैकआउट है। लोगों के समान आंधी में उड़कर पता नहीं कहां चले गए। हजारों पानी की टंकियां छात्रों से निकलकर सड़कों पर गिरी और फूट गई। कई लोगों के एक्सीडेंट हुए और कई अचानक आई आंधी के कारण अंधे होकर गड्ढे में गिर गए। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों से उम्मीद की जाती है कि वह, मौसम खराब होने से पहले अलर्ट जारी करेंगे परंतु मौसम केंद्र भोपाल द्वारा ऐसा कोई अलग जारी नहीं किया गया था।
अब तबाही के बाद IMD, भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, बिहार के आसपास और छत्तीसगढ़ से तेलंगाना तक भी ट्रफ लाइन गुजर रही है। प्रति चक्रवात की वजह से आंधप्रदेश और ओडिशा तट के आसपास हवाएं भी चल रही हैं। जिससे मध्यप्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में नमी आ रही है। इस कारण बारिश, ओले और आंधी का दौर चल रहा है।
रेड अलर्ट जैसी स्थिति थी, मौसम केंद्र ने येलो अलर्ट भी जारी नहीं किया
भोपाल में आंधी की स्पीड 74 किमी, सीहोर में 48 किमी, शाजापुर में 43 किमी, सिंगरौली में 65 किमी, छतरपुर में 50 किमी, रीवा में 41 किमी और शहडोल में 41 किमी प्रति घंटे रही। भोपाल में रेड अलर्ट जैसी स्थिति थी। यदि ऑल और तूफान की स्थिति 30 मिनट और बनी रहती तो शहर में पता नहीं क्या-क्या नष्ट हो जाता। मौसम केंद्र भोपाल ने येलो अलर्ट भी जारी नहीं किया था।
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